इस कांफ्रेंस की योजना लंबे समय से बनाई जा रही थी। इस बार की कांफ्रेंस में तीनों बलों के एकीकरण की योजना पर भी ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
सैन्य बलों के एकीकरण के मुद्दे का समाधान निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जामनगर के वायुसेना बेस पर आयोजित होने वाली कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे। यह आयोजन 28 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक की तीसरी वर्षगांठ से एक दिन पहले किया जाएगा।
इस कांफ्रेंस की योजना लंबे समय से बनाई जा रही थी। इस बार की कांफ्रेंस में तीनों बलों के एकीकरण की योजना पर भी ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
सरकार के सूत्रों ने यहां बताया, 'इस बार वायुसेना को कांफ्रेंस को अपने एयरबेस पर आयोजित करने का अवसर मिला है। नौसेना ने 2015 में आईएनएस विक्रमादित्य पर पहली कांफ्रेंस आयोजित की थी। इसके बाद सेना ने पिछले वर्ष देहरादून में इसका आयोजन किया। जामनगर में वायुसेना का बेस है। यहां से गुजरात और समुद्री इलाके की सुरक्षा की जाती है।'
दिन भर चलने वाली यह कांफ्रेंस जामनगर एयरबेस पर आयोजित की जाएगी। इसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के सभी कमांडर एवं समकक्ष शामिल होंगे।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगी। 2015 के बाद तीसरी बार यह कांफ्रेंस दिल्ली से बाहर हो रही है। 15 दिसंबर, 2015 को कोच्चि के तट पर आईएनएस विक्रमादित्य पर हुई पहली कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने सैन्य बलों से ऐसी बैठकों का आयोजन ऑपरेशनल बेस पर करने को कहा था।
इस कांफ्रेंस में नियंत्रण रेखा के पार हुई सर्जिकल स्ट्राइक, एलओसी की मौजूदा स्थिति, चीन सीमा की परिस्थितियों और देश एवं पड़ोस में उभरते सुरक्षा हालात पर चर्चा होने की संभावना है।