छोटे समुद्री देश मालदीव में नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने 17 नवंबर के इस कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने आज यह सूचना दी।
प्रधानमंत्री मोदी पहली बार मालदीव का दौरा करेंगे। वह अगले सप्ताह होने वाले मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने आज यह घोषणा की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री ने मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सालेह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के उनके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। यह शपथ ग्रहण समारोह 17 नवम्बर को है।
PM Narendra Modi has accepted Maldives President Elect Ibrahim Mohamed Solih's invitation to attend the swearing-in ceremony on November 17: Raveesh Kumar, MEA pic.twitter.com/Z2kauGbJdW
— ANI (@ANI)
अभी तक मालदीव ही अकेला ऐसा दक्षिण एशियाई देश है, जहां अब तक मोदी नहीं गए हैं। प्रधानमंत्री की अडवांस टीमें तैयारियों के सिलसिले में पहले ही माले पहुंच चुकी हैं। मोदी का मालदीव दौरा काफी मायने रखता है।
माले में मोदी की मौजूदगी इस बात का संकेत होगा कि भारत न सिर्फ पुराने मतभेदों को भुलाकर नई सरकार का सहयोग करना चाहता है बल्कि प्रधानमंत्री खुद पहुंचकर सालेह के प्रति भरोसा जाहिर करना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने जब सालेह को बधाई दी थी तभी उन्होंने मोदी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया था।
भारत मालदीव में अपनी मौजूदगी को फिर से बढ़ाना चाहता है। इसको लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं। शुरुआत के तौर पर भारत अपने सभी प्रॉजेक्टों को शुरू करना चाहता है जिन्हें यामीन ने रोक दिया था।
यामीन सरकार के समय भारत के प्राइवेट सेक्टर का मालदीव में भरोसा कमजोर हुआ है। मालदीव ने भारतीय कंपनियों को बिजनेस की मंजूरी, भारतीय कामगारों को वीजा आदि देने की रफ्तार काफी धीमी कर दी थी। नई सरकार में इसमें फिर से तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।
मालदीव भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन वहां लगातार अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा हुआ है। भारत का अहम समुद्री मार्ग मालदीव से ही होकर गुजरता है।