आरएसएस प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि युद्ध के दौरान सैनिकों की शहादत होती है, लेकिन अगर जब इस वक्त हमारे देश में कोई युद्ध नहीं हो रहा है और फिर भी सेना के जवान शहीद हो रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हम अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहे हैं।
सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस समय सेना के जवानों की हो रही शहादत को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि जब किसी के साथ युद्ध नहीं हो रहा है, तो फिर बॉर्डर पर सैनिक शहीद कैसे हो रहे हैं। ये सवाल उठाते हुए आरएसएस प्रमुख ने इसका कारण भी बताया और कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं।
मोहन भागवत ने यह बयान गुरुवार को नागपुर में प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम के अवसर पर दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश को अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी तो उस दौरान वतन की स्वतंत्रता के लिए जान कुर्बान का दौर था। या फिर आजादी के बाद अगर कोई युद्ध हुआ या होता है तो वहां भी सीमा पर दुश्मनों से लड़ते हुए सैनिक अपनी जान की बाजी लगाते हैं और देश की सुरक्षा के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देते हैं।
आरएसएस प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि युद्ध के दौरान सैनिकों की शहादत होती है, लेकिन अगर जब इस वक्त हमारे देश में कोई युद्ध नहीं हो रहा है और फिर भी सेना के जवान शहीद हो रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हम अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा, 'अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए। लेकिन ऐसा हो रहा है।'
मोहन भागवत ने सीमा पर जवानों की शहादत पर सिर्फ चिंता ही जाहिर नहीं की, बल्कि उन्होंने यह आह्वान भी किया कि इसे रोकने और देश को महान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिएं.