राज्य में चुनाव से पहले पार्टी ने बैठक बुलाई थी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ , प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह समेत पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। लेकिन पार्टी के चार विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद पार्टी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
नई दिल्ली। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने चुनाव से पहले कांग्रेस को चौंकन्नी है। राज्य में कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश में है लेकिन इसी बीच पार्टी के चार विधायकों के नाराज होने की खबर है। इसमें एक विधायक राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह बताए जा रहे हैं जो अकसर अपने बयानों और विरोध प्रदर्शनों के जरिए पार्टी को मुश्किल में डालते रहते हैं। वहीं बताया जा रहा है कि पार्टी द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक में कांग्रेस के चार विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया।
राज्य में चुनाव से पहले पार्टी ने बैठक बुलाई थी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ , प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह समेत पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। लेकिन पार्टी के चार विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद पार्टी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में खुद दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह समेत तीन-चार विधायक नदारद रहे। इस बैठक में वरिष्ठ पार्टी विधायक के पी सिंह, दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह और विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रही विधायक हिना कांवरे नहीं दिखी। जबकि पार्टी ने सभी विधायकों को बुलाया था। इसके अलावा पार्टी के विधायक कुणाल चौधरी भी नहीं पहुंचे।। हालांकि बताया ये जा रहा है कि चौधरी को कोरोना हुआ है और इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हुए। लेकिन तीन विधायकों के बैठक में शामिल ने होने के बाद राज्य में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है और कयास लगाए जा रहे हैं।
वहीं सबसे ज्यादा चर्चा लक्ष्मण सिंह को लेकर है। क्योंकि वह अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई बार बयानबाज़ी कर चुके हैं। हालांकि पार्टी इन दावों को खारिज कर रही है कि विधायक नाराज हैं। पार्टी का कहना है कि राज्य में कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं और जिन लोगों को पार्टी से जाना था वह जा चुके हैं। फिलहाल राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आज चुनाव होना है और इसमें पार्टी के 2 उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया चुनाव मैदान में हैं। हालांकि संख्या बल के आधार पर कांग्रेस का एक ही प्रत्याशी राज्यसभा पहुंच सकता है। लिहाजा प्रथम वरीयता वोट के आधार पर पार्टी दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजेगी। राज्यसभा की 2 सीटों के लिए जरूरी 104 विधायकों की जरूरत है जबकि पार्टी के पास महज 92 विधायक हैं।