सपा संरक्षक की बहू ने कहा कि अराजक तत्वों का दमन नागपंचमी के शुभ दिन हुआ है और इससे लोगों में खुशी है। उन्होंने कहा कि इसको हिंदू मुसलमान अलगाव के चश्मे से ना देखें। वहीं अपर्णा ने अपने ट्वीट के अंत में जय हिंद भी लिखा। फिलहाल समाजवादी पार्टी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के खिलाफ है और पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में इसका विरोध किया है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह की बहू की राह पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से जुदा हो गयी है। असल में मुलायम सिंह की छोटी बहू ने अनुच्छेद 370 खत्म करने पर पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की है।
जबकि समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा और लोकसभा में इसका विरोध किया है। इससे पहले लोकसभा में आजम खान की आपत्तिजनक टिप्पणी पर अपर्णा ने आजम से मांफी मांगने को कहा था जबकि अखिलेश यादव उनका का समर्थन कर रहे थे।
मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बहू और समाजवादी पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि अपर्णा का ये स्टैंड उनके लिए महंगा साबित हो सकता है।
क्योंकि पार्टी ने राज्यसभा और लोकसभा इसका विरोध किया है। इसको लेकर पार्टी की भी यही स्टैंड है। लेकिन अपर्णा यादव इसके लिए अमित शाह और नरेन्द्र मोदी की जोड़ी पर मुरीद हैं। अपर्णा यादव ने सोमवार के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए खुशी जाहिर की।
अपर्णा ने कहा कि अराजक तत्वों का दमन नागपंचमी के शुभ दिन हुआ है और इससे लोगों में खुशी है। उन्होंने कहा कि इसको हिंदू मुसलमान अलगाव के चश्मे से ना देखें। वहीं अपर्णा ने अपने ट्वीट के अंत में जय हिंद भी लिखा।
फिलहाल समाजवादी पार्टी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के खिलाफ है और पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में इसका विरोध किया है। वहीं अपर्णा इस बिल के पक्ष में खड़ी है। पिछले दिनों ही अपर्णा ने संसद में पार्टी सांसद द्वारा पीठासीन अध्यक्ष रमादेवी पर टिप्पणी करने के लिए आजम खान की आलोचना की थी।
, आज ऐतिहासिक वैसले से पूरा देश ख़ुश है,अराजक तत्वों का दमन के शुभ दिन हुआ इससे और भी ख़ुशी है।देश की अखंडता और सौहार्द के लिए आवश्यक निर्णय।इसको हिंदू मुसलमान अलगाव के चश्मे से ना देखें ।जय हिंद
— Aparna Bisht Yadav (@aparnabisht7)जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसका बचाव किया था। पिछले कुछ समय से अपर्णा अपने विचारों को पार्टी की राय से इतर विभिन्न मंचों पर रख रही हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में अपर्णा भी टिकट मांग रही थी। लेकिन समाजवादी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि दो साल पहले राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने मुलायम सिंह की सिफारिश पर उन्हें लखनऊ की कैंट सीट से टिकट दिया था।