सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बोले, इमरान खान की सत्ता में भी पाकिस्तानी सेना ने सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से संबंध सुधारने को लेकर केवल बयानबाजी कर रहे हैं। हकीकत यह है कि उनकी सत्ता में भी पाकिस्तानी सेना सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखे हुए है। वह भारत में घुसपैठ करा रही है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने 'माय नेशन' को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बात कही है। यह उनका किसी डिजिटल मीडिया को दिया गया पहला इंटरव्यू है।
सेना प्रमुख ने कहा, इमखान खान के सत्ता संभालने के बावजूद पाकिस्तान की रणनीति में कोई बदलाव नहीं आया है। निंयत्रण रेखा पर घुसपैठ जारी है। सेना सीमा पार से आने वाले और कश्मीर में मौजूद आतंकियों से लगातार लड़ रही है। हम एलओसी पर आतंकियों को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान में चुनाव के बाद से ही एलओसी पर चले ऑपरेशन के बारे में सभी बातें सामने हैं।
जब उनसे पूछा गया गया कि क्या भारत भी 26/11 के दोषियों को उसी तरह दंड दे सकता है, जैसा कि अमेरिका ने 9/11 के हमले के बाद ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारकर दिया था, सेना प्रमुख ने कहा, 'मैं आपको बता दूं कि हमारे पास पूरी क्षमता है। लेकिन दोषियों को सजा देने के दूसरे भी तरीके हैं। अगर आप यह देखें कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति कैसे काम कर रही है। अगर पाकिस्तान को न सिर्फ अमेरिका बल्कि दूसरे देशों से भी आज दिक्कत हो रही है, इसका अर्थ यह है कि हम जो दूसरी तरह से हासिल करना चाहते थे, उसे हासिल कर पाए हैं। राजनीति और कूटनीति अपना काम सही दिशा में कर रही हैं। हम वही उद्देश्य हासिल करने में सफल रहे हैं। पाकिस्तान आज अलग-थलग पड़ गया है। हां, हम अभी 26/11 के दोषियों को सजा नहीं दे पाए हैं, लेकिन उन तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं।'
जनरल रावत ने दो टूक कहा, '26/11 भारत पर सीमा पार से किया गया आतंकी हमला था। हमारे पास इस बात की पुख्ता सूचनाएं हैं कि इस हमले को पाकिस्तान ने करवाया था। इसे पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों ने अंजाम दिया। हमने एक आतंकी को पकड़ा था। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। अब आपका सवाल है कि हम क्या कर सकते हैं? आप जानते हैं कि इस हमले के काफी साल बाद उड़ी का हमला हुआ। इसके बाद हमने दिखाया कि हम क्या कर सकते हैं। इस तरह की कार्रवाई फिर से की जा सकती है। अगर फिर कोई ऐसी घटना हुई तो भारतीय सेना दूसरे एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसे किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार है, जो सरकार की ओर से हमें दिया जाएगा।'