बुंदेलखंड की रहस्यमय कब्र

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। यहां 22 साल पहले दफनाए गए शख्स का शव अभी तक ज्यों का त्यों है। यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर किन वजहों से शव पर समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। 

mysterious grave of bundelkhand

बांदा: बुंदेलखण्ड के बांदा से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां 22 साल पहले कब्र मे दफनाए गए एक शख्स का जनाजा ज्यों का त्यों बना हुआ है। मामला तब सामने आया जब मूसलाधार बारिश के चलते कब्रिस्तान की एक कब्र की मिट्टी कटने से कब्र धंस गई और उस कब्र मे 22 साल पहले दफन एक शख्स का कफन मे लिपटा जनाजा़ दिखने लगा।

देखते देखते लोगों का हुजूम जमा हो गया और जब उस कफन मे लिपटी लाश को निकाला गया तो वहाँ मौजूद सैकडों लोगों की आँखें हैरत से फटी रह गयी क्योंकि 22 सालों मे भी लाश ज्यों कि त्यों निकली और कफन भी मैला तक नही हुआ था। 

ये हैरतअंगेज मामला बाँदा के बबेरू कस्बे के अतर्रा रोड स्थित घसिला तालाब के कब्रिस्तान से सामने आया है, जहाँ मूसलाधार बारिश से कई कब्रों की मिट्टी बह गयी और एक कब्र मे दफन जनाजा़ बाहर दिखने लगा। ये देखकर लोगों ने कब्रिस्तान कमेटी के लोगों को इसकी जानकारी दी।

कब्रिस्तान कमेटी के लोगों द्वारा जब कब्र की धसी हुई मिट्टी को हटाकर देखा गया, तो उस में दफनाया गया जनाजा जो ज्यों का त्यों दिखाई दिया। उनको तो पहले एकाएक विश्वास नहीं हुआ। लेकिन बाद में सही तरीके से तस्दीक करने के बाद इस बात पर वह विश्वास कर पाये। इस कब्र मे 22 साल पहले 55 वर्षीय पेशे से नाई नसीर अहमद नाम के शख्स की मृत्यु होने पर उसे दफनाया गया था। 22 साल बाद भी  उनका जनाजा ज्यों का त्यों बना हुआ है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नसीर अहमद पुत्र अलाउद्दीन निवासी कोर्रही, थाना बिसंडा  बबेरू में बाल काटने की दुकान किये थे। जिनका लगभग 22 साल पहले जनाजा दफन किया गया था, लेकिन आज मूसलाधार बारिश के कारण मिट्टी कटने के कारण कब्र में उनका जनाजा ज्यों का त्यों बना हुआ है। 22 वर्ष के बाद जनाजे का सलामत रहने को सुनकर क्षेत्र के सैकड़ो लोग उमड़ पड़े । स्थानीय मौलानाओं की मौजूदगी मे कब्र से जनाजा़ निकालकर देर रात उसे दूसरी कब्र खोदकर उसे दोबारा दफन किया गया।

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