Myth vs. Facts: क्या चीन के बच्चो में निमोनिया फैला रहा बैक्टीरिया आ चुका है भारत? जानें AIIMS रिपोर्ट का सच

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Dec 7, 2023, 3:10 PM IST
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एम्स दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जनवरी 2023 से अब तक, आईसीएमआर के एक से अधिक श्वसन रोगज़नक़ निगरानी के एक भाग के रूप में यह परीक्षण किए गए। कुल 611 नमूनों में से किसी में माइकोप्लाज्मा निमोनिया नहीं पाया गया। 

नयी दिल्ली। भारत के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली  के हवाले से प्रकाशित एक खबर ने हलचल मचा दी। उसके मुताबिक, चीन के बच्चों में सांस से जुड़ी बीमारी निमोनिया (Chinese Pneumonia) भारत में फैल रहा है। ये रोग मायकोप्लाज्मा निमोनिया नाम के बैक्टीरिया से फैलता है। AIIMS दिल्‍ली को इसी बैक्टीरिया के सैंपल भारत में मिले हैं, जो 7 बच्चों में पाए गए हैं। केंद्र सरकार (PRESS INFORMATION BUREAU) ने इसका खंडन किया है। इस सिलसिले में पीआईबी की तरफ से बाकायदा प्रेस रिलीज भी जारी किया गया है।

चीन के बच्चों में निमोनिया के बढ़ते मामलों से कोई संबंध नहीं

पीआईबी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में एम्स, दिल्ली के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट को भ्रामक बताया गया है। यह स्पष्ट किया गया है कि चीन में निमोनिया केसेज के बढ़ोत्तरी से जुड़े एम्स दिल्ली के बैक्टीरिया मामलों का पता लगाने का दावा करने वाली रिपोर्ट गलत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इन 7 मामलों का चीन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में बच्चों में हालिया हुए श्वसन संक्रमण की बढ़ोत्तरी से कोई संबंध नहीं है। यह स्टडी अप्रैल से सितम्बर 2023 तक छह महीने की अवधि में एम्स दिल्ली में की गई। स्टडी के एक पार्ट के रूप में इन 7 मामलों का पता चला, जो चिंता का कारण नहीं है।

 

Myth vs. Facts

💠Media reports claiming detection of bacterial cases in AIIMS Delhi linked to the recent surge in Pneumonia cases in China are misleading and inaccurate

💠Mycoplasma pneumonia is the commonest bacterial cause of community acquired pneumonia

💠Pneumonia Cases in…

— PIB India (@PIB_India)

 

611 नमूनों में नहीं पाया गया माइकोप्लाज्मा निमोनिया

यह भी बताया गया है कि जनवरी 2023 से अब तक, आईसीएमआर के एक से अधिक श्वसन रोगज़नक़ निगरानी के एक भाग के रूप में यह परीक्षण किए गए, जो एम्स दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हुए। कुल 611 नमूनों में से किसी में माइकोप्लाज्मा निमोनिया नहीं पाया गया। उनमें मुख्य रूप से गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी शामिल थी।

क्या है माइकोप्लाज्मा निमोनिया?

दरअसल, माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय-निमोनिया का सबसे आम जीवाणु है। यह ऐसे सभी संक्रमणों में से लगभग 15-30% की वजह होता है। भारत के किसी भी हिस्से से इस बीमारी में बढ़ोत्तरी की सूचना नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है। 

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