नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को नहीं मिली राहत

By Gopal Krishan  |  First Published Nov 17, 2018, 3:16 PM IST

वोरा ने याचिका दायर कर भाजपा नेता स्वामी द्वारा इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाने की मांग की है।

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को पटियाला हाउस कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट उनकी याचिका पर 8 जनवरी 2019 को फैसला सुनाएगा। उसी दिन डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी का क्रास एग्जामिनेशन होगा। मोतीलाल वोरा ने याचिका दायर कर भाजपा नेता स्वामी द्वारा इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट ने 20 अक्टूबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वामी ने कहा था कि ट्वीट में कांगी (congi) शब्द का मतलब कांग्रेस के लिए अपमानजनक टिप्पणी नहीं है। उन्हें ट्वीट करने का अधिकार है। हमने ट्वीट किया है, लेकिन वे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत साक्ष्य नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस नेताओं की याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला होना चाहिए। स्वामी ने यह भी कहा कि ट्वीट के जरिये उनकी मंशा कोर्ट के कामकाज को प्रभावित करने की नहीं है। उन्होंने शशि थरूर द्वारा अर्णब गोस्वामी के रिपब्लिक चैनल के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया था, जिसमें हाईकोर्ट ने चैनल को खबर प्रसारित करने से रोकने की मांग खारिज कर दी थी। 

स्वामी ने कहा था कि हमारा ओपन कोर्ट है और सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में ट्वीट करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। स्वामी की इस दलील का आरोपितों के वकील आरएस चीमा ने विरोध करते हुए कहा था कि अभी केस बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में है और उनके ट्वीट वकीलों के काम करने में बांधा खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने स्वामी द्वारा ट्वीट में congi lawyers शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। चीमा ने कहा यह भी कहा था कि मैं एक वकील हूं और किसी पार्टी से संबंध नहीं रखता हूं। जबकि पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने डॉ. स्वामी पर अपने ट्वीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी अपने ट्वीट में सोनिया के लिए 'ताड़का' और राहुल के लिए Bambino (male child in Italian) जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। 

सुब्रह्मण्यम स्वामी नेशनल हेराल्ड केस के मुख्य याचिकाकर्ता है। उनके मुताबिक कांग्रेस नेताओं द्वारा एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ लोन देने की बात फर्जी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि 414 करोड़ रुपये की आय को छुपाया गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि इस आय पर टैक्स चुकाएं। स्वामी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं की एजेएल से डील को फर्जी बताया था। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है । कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है। इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर नई बनाई कंपनी यंग इंडियन को दे दिए गए। इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया गया।

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