आधार से पकड़ा गया बिहार का नटवरलाल, तीस साल से एक साथ कर रहा था तीन नौकरियां

By Team MyNation  |  First Published Aug 24, 2019, 9:48 PM IST

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सुरेश राम का एक अफसर बिहार सरकार के तीन अलग-अलग विभागों में काम कर रहा था और तीन जगहों से वेतन भी ले रहा था। वह पिछले तीन सालों से एक साथ तीन विभागों में काम कर रहा था। इस राज के खुलने के बाद सुरेश राम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है और वह फरार चल रहा है। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है।

पटना। क्या आपने सोचा है कि एक ही व्यक्ति तीन-तीन सरकारी नौकरी कर सकता है और वो भी तीस साल से। जी हां ये सच है। ये हैं बिहार के नटवरलाल जो पिछले तीन सालों से बिहार के तीन सरकार विभागों से सरकार पगार उठा रहे थे और अब हैं फरार। इस नटवर लाल को किसी अफसर या फिर व्यक्ति ने नहीं पकड़ा बल्कि आधार ने पकड़ा। जिसके बाद खुलासा हुआ और नटवर लाल फिलहाल फरार चल रहा है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सुरेश राम का एक अफसर बिहार सरकार के तीन अलग-अलग विभागों में काम कर रहा था और तीन जगहों से वेतन भी ले रहा था। वह पिछले तीन सालों से एक साथ तीन विभागों में काम कर रहा था। इस राज के खुलने के बाद सुरेश राम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है और वह फरार चल रहा है। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है।

जानकारी के मुताबिक पटना के पुनपुन का रहने वाले सुरेश राम की पहली बार 20 फरवरी, 1988 को पटना स्थित राज्य सड़क निर्माण विभाग में बतौर सहायक इंजीनियर नियुक्ति हुई और इसके बाद उसे जल संसाधन विभाग में नौकरी मिल गई, जहां उसने 28 जुलाई, 1989 को उसी शहर में कार्यभार संभाला।

इसके बाद सुरेश को जल संसाधन विभाग के ही सुपौल जिले के भीम नगर में नियुक्ति मिली। इन तीनों पदों पर सुरेश राम पिछले तीस साल से काम कर रहा था और वेतन भी ले रहा था। लेकिन किसी के पकड़ में नहीं आया। लेकिन जब सुरेश राम ने इन तीनों विभागों में अपने आधार नंबर को लिंक किया तो वह पकड़ में आ गया।

लेकिन सुरेश राम ने इन तीनों में विभागों में नौकरी ही नहीं की बल्कि वह इन विभागों में पदोन्नति भी पाता रहा। लेकिन वित्त विभाग द्वारा नई वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) के तहत सरकारी कर्मचारी का वेतन और अन्य कार्यो की जानकारी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि डाली गई तो ये फर्जीवाड़ा सामने आया।

फिलहाल सुरेश राम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस वक्त वह किशनगंज के भवन निर्माण विभाग में बतौर इंजीनियर कार्यरत है। लेकिन इस फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद वह गायब है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

फरार इंजीनियर को गिरफ्तार करने के लिए अनमुंडल पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनाई गई है। दिलचस्प ये है कि सुरेश राम का ये फर्जीवाड़ा उसके रिटायरमेंट से कुछ ही महीनें पहले उजागर हुआ है। 

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