जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लेकर कांग्रेस में दो गुट बन गए हैं। एक गुट इसका समर्थन कर रहा है जबकि दूसरा गुट इसके विरोध में है। कल ही पार्टी के मध्य प्रदेश से दिग्गज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बिल का समर्थन कर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया था।
नई दिल्ली/मुंंबई। कांग्रेस पार्टी में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर नेताओं में कई तरह के मतभेद उभर रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लेकर कांग्रेस में दो गुट बन गए हैं। एक गुट इसका समर्थन कर रहा है जबकि दूसरा गुट इसके विरोध में है।
कल ही पार्टी के मध्य प्रदेश से दिग्गज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बिल का समर्थन कर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया था। वहीं अब कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में इस बिल को लेकर दो फाड़ हो गए हैं। जहां पार्टी अध्यक्ष शरद पवार और उनकी बेटी इस बिल का विरोध संसद में कर रहे हैं, वहीं पवार के भतीजे और पार्टी के दिग्गज नेता अजित पवार इस बिल का समर्थन कर रहे हैं।
कभी अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का उत्तराधिकारी माना जाता था। हालांकि बाद में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को राजनीति में उतार कर अजीत पवार की ताकत को कम कर दिया है। अब एनसीपी में अजित पवार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पक्ष में खड़े हो गए हैं।
उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को हासिल करने की दिशा में काम करने का वक्त है। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके अजीत पवार ने कहा कि अनुच्छेद को हटाने से देश को बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद मिलेगी।
अजीत पवार ने कहा कि अगर कुछ अच्छा हुआ है तो उसे अच्छा कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को केंद्र ने रद्द कर दिया। जो एक अच्छा फैसला है। हालांकि एनसीपी इस अनुच्छेद को खत्म करने के विरोध में कांग्रेस के साथ खड़ी है। एनसीपी नेता संसद में इस बिल के विरोध में केन्द्र सरकार के खिलाफ हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निकाली जा रही शिव स्वराज्य यात्रा के दौरान अजीत पवार ने कहा कि देश को एकजुट रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करना जरूरी था। पवार ने यहां तक कह दिया कि जाईए और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को हासिल कीजिए, क्योंकि यह हर भारतीय की इच्छा है।
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