उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए से पत्ता लगभग साफ

By dhananjay RaiFirst Published Nov 15, 2018, 10:01 AM IST
Highlights

भाजपा उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए और महागठबंधन- दोनों नाव पर सवारी करने की रणनीति के कारण उन्हें गठबंधन में स्थान नहीं देना चाहती। माना जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

नई दिल्ली--लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजे के बाद इसकी औपचारिक ऐलान किए जाने की संभावना है।

भाजपा को उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए और महागठबंधन- दोनों नाव पर सवारी करने की रणनीति के कारण उन्हें गठबंधन में स्थान नहीं देना चाहती। माना जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

सूत्रों के मुताबिक बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से 17 बीजेपी, 17 जेडीयू और बाकी बची 6 सीटों पर रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी के खाते में आ सकती है। इस फॉर्मूले के तहत आरएलएसपी को एनडीए में साझेदार नहीं बनाया गया है।

2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी कारण उन्हे तीन सीट मिलने के बाद भी केंद्र में मंत्री बनाया गया था। 

उधर महागठबंधन के लोग भी औपचारिक घोषणा के लिए वह भाजपा के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा की तरफ से अंतिम निर्णय होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा के सम्मान-स्वागत के लिए अपनी तैयारी कर ली है।  

माना जा रहा है कि कुशवाहा के लिए इस समय हालात एकदम विपरीत हो गये हैं। उन्हें दो नावों पर सवारी करना भारी पड़ रहा है। उपेंद्र कुशवाहा लगातार महागठबंधन के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे इससे बीजेपी नेतृत्व उनसे नाराज है।

कुशवाहा ने सोमवार को विपक्षी दलों को मिलाने का काम कर रहे शरद यादव से करीब एक घंटे तक मुलाकात की थी। इस घटना ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों को उनसे नाराज कर दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी समय मांगने के बाद कुशवाहा से अभी तक मुलाकात नहीं की है। इससे इस बात की संभावना और बढ गई है कि कुशवाहा को एनडीए से बाहर किया जा सकता है। 

उधर एलजेपी सांसद चिराग पासवान भी कुशवाहा को गठबंधन धर्म निभाने और बयानबाजी न करने की सलाह दे चुके हैं।  

उधर जहानाबाद के सांसद और आरएलएसपी से अलग होकर मोर्चा का गठन करने वाले डॉ अरुण कुमार ने कहा कि मैं उपेंद्र कुशवाहा के साथ नहीं हूं। उनकी अलग पार्टी है। मैं मोर्चा चला रहा हूं जिसमें वह नहीं हैं। 
 

click me!