राष्ट्रवादी विचारों को धार देने के लिए आएगा ‘ऋतम्’

By Siddhartha Rai  |  First Published Feb 3, 2019, 6:30 PM IST

सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी विचारों के दमन का जवाब देने के लिए आ रहा है ‘ऋतम्’। इसकी स्थापना वामपंथी पूर्वाग्रह से भरे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जवाब देने के लिए की जा रही है। 
 

‘ऋतम्’ विचारों और समाचारों का ऐसा एग्रीगेटर है जो उपयोगकर्ता पर खबरों की अंधाधुंध बरसात करने की बजाए राष्ट्रीय और स्थानीय स्रोतों से निकालकर जानकारियां लोगों तक पहुंचाएगा। 

यह वामपंथी रुझान और छद्म धर्मनिरपेक्षता के आवरण तले दबे सच को सबके सामने लाएगा। वर्तमान समय में विश्व का अस्सी फीसदी मीडिया वैचारिक दमन का शिकार है। क्योंकि उसके चलाने वाले लोगों पर आर्थिक शिकंजा बहुत गहरा है। 

उदाहरण के तौर पर देखते हैं कुछ लोकप्रिय न्यूज प्लेटफॉर्मों की स्थिति 
-    डेलीहंट जिसकी स्थापना 2012 में हुई थी। उसमें चीनी कंपनी बाईट डांस द्वारा 200 करोड़ का निवेश किया गया। डेलीहंट के 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं। इसमें पांच और भी निवेशक हैं। 
-    2016 में शुरु किए गए न्यूज डॉग में चीनी निवेशकों का 400 करोड़ का निवेश है। यह हांगकांग की कंपनी है। न्यूज डॉग के भी 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं। 
-    2016 में ही स्थापित यूसी न्यूज पूरी तरह चीनी कंपनी है। इसका संचालन चीन की बड़ी कंपनी अलीबाबा करती है। 

आज ही दिल्ली में मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ प्रदर्शन भी चल रहा है। जिसमें ट्विटर द्वारा दक्षिणपंथी विचारों को दबाने का आरोप लगाते हुए ट्विटर इंडिया के कार्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। 

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विदेशी न्यूज प्लेटफॉर्मों की ऐसी हालत को ही देखते हुए ऋतम जैसे छोटे न्यूज एग्रीगेटर की स्थापना की जा रही है। यह छोटे मीडिया संस्थानों को संबल प्रदान करेगा। 
 

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