पाकिस्तान पर निर्मला सीतारमण के बयान को तोड़मरोड़ कर किया गया पेश

By Ajit K DubeyFirst Published Oct 5, 2018, 7:42 PM IST
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पूरे कार्यक्रम को देखने से साफ हो जाता है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना जिस बयान के लिए हो रही है, उसे संदर्भ से अलग कर पेश किया गया।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के एक इंटरव्यू में दिए गए बयान को लेकर इन दिनों बेवजह का बवाल मचा हुआ है। यह बयान पाकिस्तान द्वारा भारतीय जवानों के साथ की जाने वाले बर्बरता का बदला लिए जाने से जुड़ा है। दरअसल, कुछ लोगों ने केंद्रीय मंत्री के बयान को संदर्भ से अलग कर ऐसे पेश किया कि जैसे वह ये स्वीकार कर रही हैं कि भारत जेनेवा सम्मेलन में बनी सहमति का उल्लंघन कर रहा है। यह सहमति दुश्मन देश के सैनिकों के शवों के साथ बर्बरता को रोकने के लिए बनी थी। 

हालांकि, पूरे कार्यक्रम को देखने से साफ हो जाता है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना जिस बयान के लिए हो रही है, उसे संदर्भ से अलग कर पेश किया गया था। 

समाचार चैनल 'इंडिया टीवी' के कार्यक्रम 'आप की अदालत' में एंकर रजत शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, वह कहती थी कि अगर पाकिस्तान हमारे एक जवान का सिर काटता है तो हमें उनके दस सिर काटने चाहिए। क्या इसका अर्थ यह है कि एनडीए सरकार कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की गतिविधियों से उतनी ही सख्ती से निपट रही है। 

इस सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने रूपक का इस्तेमाल करते हुए सिर्फ इतना कहा, 'कट रहे हैं, हम दिखा नहीं रहे।' इससे उनका अर्थ था कि सरकार पाकिस्तान के हर दुस्साहस का उचित जवाब दे रही है। पाकिस्तान को अपनी करनी का दंड भरना पड़ रहा है।  इस बयान में ऐसा कुछ नहीं है जिससे इस बात की तस्दीक होती हो कि निर्मला ने पाकिस्तान सैनिकों के शवों से छेड़छाड़ किए जाने की बात स्वीकार की है। 

इसी इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने इस तथ्य का भी जिक्र किया ता कि पाकिस्तान अपने मृत सैनिकों के शवों को कभी स्वीकार नहीं करता, जबकि भारत पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए पाक को उसके सैनिकों के शव ले जाने की पेशकश करता है। रक्षा मंत्री से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 'सीतरमण का जोर अगर किसी बात पर था तो वह यह कि भारतीय सेना पूरी तरह से अनुशासन और प्रोटोकॉल का पालन करती है। उसके द्वारा जेनेवा सम्मेलन में बनी सहमति का सख्ती से पालन किया जाता है।'

उन्होंने कहा, इंटरव्यू के इस हिस्से में हुई पूरी चर्चा उन आरोपों पर केंद्रित थी, जिनमें दावा किया जाता है भारत पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर काबू नहीं कर पाया है। इस दौरान  सीतारमण का जोर इस बात पर था कि भारतीय सेना पाकिस्तान द्वारा सीमा और कश्मीर में लगातार की जा रही नापाक हरकतों का माकूल जवाब दे रही है।

सरकार के कुछ बड़े अधिकारियों ने भी इस  बात पर चिंता जताई है कि कुछ तथाकथित विशेषज्ञ इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे उस समय हो रहा है जब देश पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ का जश्न मना रहा है।

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