महाराष्ट्र में कांग्रेस के तेज तर्रार नेताओं में शुमार और यूपी बिहार का एक चेहरा माने जाने वाले संजय निरूपम भी अशोक तंवर की तरह बागी रूख अपनाए हुए हैं। निरुपम ने यहां तक कह दिया है कि अब पार्टी को कभी भी छोड़ा जा सकता है। जाहिर है कि जल्द ही निरूपम भी पार्टी से किनारा कर सकते हैं। जिसके कारण कांग्रेस की मुश्किलें कम होने की तुलना में बढ़ेंगी।
मुंबई। विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले महाराष्ट्र में कई नेता पार्टी को छोड़कर शिवसेना और भाजपा में शामिल हो गए। वहीं हरियाणा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर बागी हो गए हैं। लेकिन अब इस मामले में संजय निरूपम का भी नाम जुड़ गया है। निरूपम मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।
महाराष्ट्र में कांग्रेस के तेज तर्रार नेताओं में शुमार और यूपी बिहार का एक चेहरा माने जाने वाले संजय निरूपम भी अशोक तंवर की तरह बागी रूख अपनाए हुए हैं। निरुपम ने यहां तक कह दिया है कि अब पार्टी को कभी भी छोड़ा जा सकता है। जाहिर है कि जल्द ही निरूपम भी पार्टी से किनारा कर सकते हैं। जिसके कारण कांग्रेस की मुश्किलें कम होने की तुलना में बढ़ेंगी।
निरूपम ने ट्वीट कर लिखा है कि पार्टी को अब उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं रह गई है। निरूपम ने कहा कि मुंबई में मैंने विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ नाम की सिफारिश की थी। मुझे पता चला है कि उसे भी खारिज कर दिया गया। फिलहाल उन्होंने फैसला किया कि वह चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेंगे।
संजय निरूपम राज्य में हुए टिकट बंटवारे को लेकर नाराज है। क्योंकि न तो उन्हें और न ही उनके समर्थकों को टिकट दिया गया। जिसके कारण निरूपम पार्टी से नाराज है। पिछले दिनों ही उत्तर भारतीयों का चेहरा माने जाने वाले कृपाशंकर सिंह ने भी पार्टी को धारा 370 के विरोध के कारण अलविदा कह दिया था।
जिसके बाद अब निरूपन की नाराजगी राज्य में कांग्रेस को उत्तर भारतीयों से दूर करेगी। वहीं हरियाणा में कांग्रेस के बागी नेता अशोक तंवर के भी जल्द ही पार्टी से अलविदा कहने की अटकलें चल रही है। ऐसा माना जा रहा है कि तंवर भाजपा में या फिर इनेलो में शामिल हो सकते हैं। वहां निरूपम के बारे में चर्चा है कि वह अपने पूर्व की पार्टी शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस में आने से पहले निरूपम शिवसेना में थे।