मोदी कैबिनेट में शामिल होने को तैयार हैं नीतीश कुमार, पर ये है शर्त

By Team MyNationFirst Published Oct 31, 2019, 8:43 AM IST
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असल में दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो रही है और इसमें एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। वह 2022 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। फिलहाल शरद यादव के जाने के बाद नीतीश कुमार ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय परिषद की  बैठक में बिहार में हुए उपचुनाव के परिणाम और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।

नई दिल्ली। केन्द्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद केन्द्रीय कैबिनेट में मन मुताबिक पद न मिलने से नाराज राजग का सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने कैबिनेट में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। लेकिन अब जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार  ने कहा कि पार्टी कैबिनेट में शामिल हो सकती है। लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं। अगर केन्द्र सरकार इन्हें मानती है तो वह कैबिनेट में शामिल होने को तैयार हैं।

असल में दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो रही है और इसमें एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। वह 2022 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। फिलहाल शरद यादव के जाने के बाद नीतीश कुमार ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

राष्ट्रीय परिषद की  बैठक में बिहार में हुए उपचुनाव के परिणाम और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। परिषद में मोदी सरकार के कैबिनेट में शामिल होने को लेकर चर्चा हुई। जिस पर जदयू का कहना है कि सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी को विभाग मिलने चाहिए। यदि केन्द्र की मोदी सरकार उसे समुचित सम्मान देते हुए निमन्त्रण देती है तो वह इसी आधार पर कैबिनेट में शामिल होगी।  

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट गठन के समय जेडीयू ने महज एक मंत्री पद की पेशकश को ठुकरा दिया था। क्योंकि पार्टी का कहना था कि उसके सांसदों की संख्या ज्यादा है और इसी आधार पर कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए। लिहाजा इसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार में जाकर कहा कि वह कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे लेकिन राजग में हिस्सेदार बने रहेंगे। हालांकि इस बीच कई बार दोनों दलों के रिश्तों में गरमी भी देखने को मिली। लेकिन पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साफ  कर दिया था कि बिहार में चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़े जाएंगे। जिसके बाद भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी बंद कर दी थी। 

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