अकसर अपने हरकतों के कारण चर्चा में रहने वाले किम जोंग इस बार फिर अपने देश में चुनाव को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल उत्तर कोरिया में चुनाव होना महज एक औपचारिकता भर होते हैं। क्योंकि यहां पर कोई विपक्षी पार्टी नहीं है और न ही कोई विपक्ष नेता है। सिर्फ किम जोंग की पार्टी ही चुनाव में हिस्सा लेती है। यही नहीं लोगों को मतदान करनी अनिवार्य होता है।
उत्तर कोरिया में स्थानीय निकाय के चुनाव में करीब 100 फीसदी मतदान हुआ है। ये शायद विश्व का ऐसा चुनाव होगा जहां पर महज एक पार्टी का ही उम्मीद प्रत्याशी होता है और उसके पक्ष में मतदान करना अनिवार्य होता है।
फिलहाल इस चुनाव में उत्तर कोरिया के सुप्रीम नेता किम जोंग ने भी मतदान किया। स्थानीय निकाय चुनाव में चुने गए प्रतिनिधि शहर के प्रतिनिधियों को चुनेंगे। अकसर अपने हरकतों के कारण चर्चा में रहने वाले किम जोंग इस बार फिर अपने देश में चुनाव को लेकर चर्चा में हैं।
दरअसल उत्तर कोरिया में चुनाव होना महज एक औपचारिकता भर होते हैं। क्योंकि यहां पर कोई विपक्षी पार्टी नहीं है और न ही कोई विपक्ष नेता है। सिर्फ किम जोंग की पार्टी ही चुनाव में हिस्सा लेती है।
यही नहीं लोगों को मतदान करनी अनिवार्य होता है। नहीं तो नतीजा सभी जानते हैं। आमतौर पर तानाशाह किम जोंग के अधीन चलने वाले इस देश में मतदान करीब सौ फीसदी होता है।
इस बार हुए स्थानीय निकाय चुनाव में यहां पर एक बार फिर 100 फीसदी मतदान हुआ है। यहां पर मतदान बैलेट पेपर से होता है और इस बार सर्वोच्च नेता किम जोंग ने अभी अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
जानकारी के मुताबिक इस बार वहां पर 2015 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ है। 2015 में वहां पर 99.98 फीसदी मतदान हुआ था जो इस बार .01 फीसदी ज्यादा हुआ है। हालांकि वहां के चुनाव का कहना है कि जो लोग विदेश में रह रहे हैं या फिर दौरे पर उन्होंने वोट नहीं किया।
जबकि जो बीमार है वह मोबाइल के जरिए अपना वोट कर सकते हैं। यहां पर चुनाव की प्रक्रिया के तहत ही सबसे पहले स्थानीय स्तर के चुनाव होते हैं और चुने गए प्रतिनिधि शहर, राज्य के प्रत्याशी चुनते हैं।