हंपी के मशहूर स्तंभों को गिराने के आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर

By Team MyNation  |  First Published Feb 3, 2019, 3:15 PM IST

विश्वप्रसिद्ध हंपी में तोड़ फोड़ करने वाले लोग अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। हालांकि पुलिस लगातार उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस घटना से नाराज लोग लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। यूनेस्को साइट हंपी में तीन पिलर को धक्का मारकर गिराने वाले कुछ युवकों वीडियो वायरल हो रहा है। 

पुलिस उन शरारती युवाओं की तलाश मे जुटी है, जिसनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें तीन लड़के हंपी के विष्णु मंदिर के स्तंभों को धक्का मारकर गिरा रहे हैं। 

हंपी यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर स्थल यानी हेरिटेज साइट के तौर पर घोषित किया गया है। यह कर्नाटक के बेल्लारी में स्थित हैं। 

These miscreants must be taken to task.. pic.twitter.com/BTzyV0wY7b

— DrSidKhosa_India_Rising (@drsidkhosa)

इन प्राचीन मंदिरों को नुकसान पहुंचाए जाने से लोग बेहद नाराज हैं और वीडियो को रिट्विट करके इन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। 
पुलिस पर इन आरोपियों को गिरफ्तार करने का बहुत ज्यादा दबाव है। 

Bellary SP Arun Rangarajan on a viral video showing miscreants damaging pillars at Hampi UNESCO World Heritage Site: There are likely 4-5 people involved in it. Accused will be arrested & prosecuted. I will not be able to give more information, will speed up inquiry. pic.twitter.com/NGDq3wiDba

— ANI (@ANI)

पुलिस का मानना है कि इस काम चार से पांच लोगों के शामिल होने की आशंका है। 

लोग इस बात पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित किए जाने के बाद भी हंपी में बिल्कुल भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। यहां इसके संरक्षण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। 

Karnataka: Following a viral video showing miscreants damaging pillars at Hampi UNESCO World Heritage Site, police inspected the site today. pic.twitter.com/iDp2iQLoGR

— ANI (@ANI)

हंपी का विट्ठल मंदिर एक 15वीं सदी की संरचना है जो भगवान विट्ठल या भगवान विष्णु को समर्पित है। तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह मंदिर मूल दक्षिण भारतीय द्रविड़ मंदिरों की स्थापत्य शैली का प्रतिनिधित्व करता है।

हंपी में स्थित विट्ठल मंदिर का निर्माण राजा देवराय द्वितीय के शासनकाल (1422 से 1446 ईसवी) के दौरान किया गया था और यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य द्वारा अपनाई गई शैली का प्रतीक है। 

यहां रंग मंडप और 56 संगीतमय स्तंभ हैं। जिन्हें थपथपाने से संगीत सुनाई देता है। विट्ठल मंदिर में उत्कृष्ट कलाकृतियां मौजूद हैं।

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