अब मरकज की इमारत पर चलेगा हथौड़ा, नियमों को तोड़ बना दी सात मंजिल

By Team MyNationFirst Published Apr 5, 2020, 1:48 PM IST
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तबलीगी मरकज के लोग देशभर में कोरोना का संक्रमण फैला रहे हैं और इसके कारण देश में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।  जिसके कारण विभिन्न सरकारों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। लेकिन अब मरकज की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। क्योंकि जिस इमारत में मरकज की इमारत और मस्जिद है नियमों के मुताबिक उसके दो मंजिला ही मंजूर हैं जबकि ये इमारत सात मंजिला बनाई गई है।

नई दिल्ली। कोरोना के कहर के बीच अब तबलीगी मरकज की इमारत पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का हथौड़ा चल सकता है। क्योंकि इस इमारत को महज मंजिला बनाने की अनुमति थी, लेकिन ये नियमों को दरकिनार कर सात मंजिला इमारत बना दी गई है। यही नहीं इस इमारत को दो प्लॉट को जोड़कर बनाया गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक इस इमारत के महज दो फ्लोर के नक्शे पास हैं।

तबलीगी मरकज के लोग देशभर में कोरोना का संक्रमण फैला रहे हैं और इसके कारण देश में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।  जिसके कारण विभिन्न सरकारों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। लेकिन अब मरकज की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। क्योंकि जिस इमारत में मरकज की इमारत और मस्जिद है नियमों के मुताबिक उसके दो मंजिला ही मंजूर हैं जबकि ये इमारत सात मंजिला बनाई गई है। जिसको बनाने में नियमों को दरकिनार किया गया है।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने साफ किया है कि इस इमारत को बनाने में दो मंजिल का नक्शा पास है जबकि इसे सात मंजिल तक बना दिया गया है। यही नहीं इस दो प्लाटों को जोड़कर बनाया गया है। यह 7 मंजिला इमारत है और इसके लिए दो फ्लोर का नक्शा पास है। यही नहीं इस इमारत का कभी हाउस टैक्स नहीं भरा गया है। जानकारी के मुताबिक इस जगह सिर्फ एक मस्जिद थी और उसके बाद यहां पर एक मदरसा बनाया गया। यही नहीं 70 फ़ीसदी अवैध निर्माण किया गया है और इसमें मरकज की इमारत बनाई गई। फिलहाल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इस इमारत के तमाम दस्तावेजों की जांच कर रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही मरकज की इस इमारत पर नगर निगम का हथौड़ा चल सकता है और इसके लिए तमाम कागजी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तबलीगी जमात के लोगों ने देशभर की मुश्किलें बढ़ा दी है और ये लोग सरकार और जनता के लिए मुसीबत बन गए हैं।  भारत में कुल मरीजों की संख्या में इस जमात में शामिल लोगों का हिस्सा 30 फीसदी है। भारत में अभी तक 3,374 मामले सामने आए हैं और जबकि 77 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 267 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
 

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