देश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों की जिम्मेदारी तय की है। उन्हें आदेश दिया गया है कि वह जिलों और नगरीय क्षेत्रों में प्रदूषण से निपटने के लिए हाईपावर कमेटी बनाएं। इस कमिटी का कामों की समीक्षा हर महीने की जाएगी। वह क्षेत्रीय स्तर पर प्रदूषण करने वालों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
केन्द्र सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि वह प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। इसके लिए जिला स्तर पर हाईपावर कमिटी बनाने का भी आदेश दिया गया है।
अभी प्रदूषण से निपटने के लिए ऐसी कमेटी सिर्फ केंद्र और राज्य स्तर पर ही मौजूद है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिस तरह से देश के दूरदराज के इलाकों तक प्रदूषण फैलता जा रहा है उसे देखते हुए राज्यों को भी जिम्मेदारी उठाने की जरुरत है।
इस कदम के तहत जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित होगी, जबकि नगरीय क्षेत्रों में निगमायुक्त की देखरेख में यह कमेटी काम करेगी।
मौजूदा समय में केंद्र स्तर पर पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ऐसी कमेटी गठित है।
राज्यों को दिए गए निर्देश में मंत्रालय का निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने को लेकर पूरा जोर है। इसके तहत हवा की गुणवत्ता को जांचने के लिए सभी जिलों और शहरों में ज्यादा से ज्यादा उपकरण लगाने को कहा गया है,ताकि प्रदूषण के बढ़ते स्तर की सटीक जानकारी मिल सके।
मंत्रालय की मानना है कि जब तक प्रदूषण के बढ़ते स्तर और कारणों की जानकारी नहीं होगी, तब तक उपाय करना मुश्किल है। मौजूदा समय में देश के करीब दो सौ जिलों में ही हवा की गुणवत्ता को जांचने की सटीक व्यवस्था उपलब्ध है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबकि जिलों और नगरीय क्षेत्रों में ऐसी कमेटियों के गठन के बाद हर महीने उनके कामों की समीक्षा भी होगी।
फिलहाल यह काम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देखरेख में होगा। खासबात यह है कि जिला स्तर पर गठित होने वाली हाईपावर कमेटी में जिला स्तर पर तैनात प्रदूषण बोर्ड का अधिकारी भी शामिल होगा।