इस बार की लोकसभा बहुत खास है। क्योंकि अभी तक के संसदीय इतिहास में सबसे ज्यादा 78(अठत्तर) महिलाएं चुनकर संसद पहुंची हैं। इनमें सबसे ज्यादा ध्यान खींच रही हैं नुसरत और मिमी। जो कि बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री की जानी पहचानी अभिनेत्रियां हैं। ये दोनों दिल्ली पहुंच चुकी हैं और इन्होंने संसद परिसर में घूम घूमकर अपनी फोटो भी खिंचाई है। लेकिन इनकी बेफिक्री तब हवा हो जाएगी, जब ये दोनों जा जाएंगी कि इस बार संसद में आजम खान भी मौजूद हैं। जिनकी निगाहें एक्स रे जैसी हैं।
नई दिल्ली: हंसते मुस्कुराते आकर्षक चेहरों ने इस बार संसद परिसर का माहौल खुशनुमा बना दिया है। 17वीं लोकसभा में कुल 78(अठत्तर) महिलाएं चुनकर लोकसभा पहुंची हैं।
इन महिलाओं में से पश्चिम बंगाल के बशीरहाट और जाधवपुर से चुनकर आईं बांग्ला फिल्म अभिनेत्रियों मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां पर सबकी निगाहें हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चहेती यह दोनों सांसद दिल्ली पहुंचकर बेहद खुश हुईं। उन्होंने संसद परिसर में घूम घूमकर फोटो खिंचवाए और सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया।
मिमी और नुसरत बेहद कम उम्र की युवा सांसद हैं जिनका राजनीतिक अनुभव शून्य है। हालांकि अब यह दोनों चुनाव जीतकर माननीय सांसद बन चुकी हैं। लेकिन भारत के घाघ राजनेताओं के बारे में वह ज्यादा कुछ नहीं जानतीं।
मिमी और नुसरत को शायद यह नहीं मालूम की 17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसदों के साथ रामपुर से समाजवादी पार्टी के आजम खान भी चुनकर पहुंचे हैं।
आप यकीन मानिए अगर नुसरत और मिमी को आजम खान की एक्सरे जैसी निगाहों का राज पता होता तो शायद वह दोनों संसद परिसर में संभल कर घूमतीं।
दरअसल आजम खान की एक्सरे जैसी निगाहों का शिकार उनकी प्रतिद्वंदी जया प्रदा भी हो चुकी हैं। आजम की निगाहों से जया प्रदा इतनी आहत हुईं कि उन्हें रोना आ गया था।
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अब आजम खान की इस खतरनाक निगाहों की खासियत के बारे में मिमी और नुसरत जान रही होतीं तो शायद वह मासूम तितलियों की तरह संसद परिसर में मंडराते हुए फोटो सेशन नहीं करातीं।
आजम खान की एक्स रे जैसी निगाहें तब चर्चा में आई थी जब चुनाव प्रचार के समय उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी जया प्रदा पर निहायत अशोभनीय टिप्पणी की थी। आजम ने जया प्रदा के लिए कहा कि 'जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, उनकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का %@$*!(आपत्तिजनक शब्द) खाकी रंग का है।'
अपने इस बयान के लिए आजम को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हुई थी।
अब मिमी और नुसरत जैसी युवा सांसदों को कहां आजम खान की इस खासियत के बारे में पता होगा। उन्हें अभी भारतीय संसद के ऐसे राजनेताओं के बारे में समझने में अभी वक्त लगेगा।
लेकिन मिमी-नुसरत और बाकी की महिला सांसदों को सावधानी बरतने की जरुरत है। क्योंकि आजम खान की निगाहों का कोई भरोसा नहीं।
(यह एक व्यंग्य मात्र है। इसे गंभीरता से ना लें)