कोरोना के संकट के बीच ओडिशा ने सरकारी कर्मचारियों का बढ़ाया डीए

By Team MyNation  |  First Published May 16, 2020, 1:50 PM IST

ओडिशा में फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को 154 फीसदी  डीए मिलता है वहीं अब इसे दस फीसदी बढ़ाकर 164 फीसदी कर दिया गया है। कर्मचारियों  को बढ़ा हुआ डीए जुलाई के वेतन में जोड़कर दिया जाएगा।

नई दिल्ली। कोरोना संकट में जहां राज्य सरकारें आर्थिक बोझ को कम करने और राजस्व जुटाने के लिए कर्मचारियों के वेतन और महंगाई भत्ते में कटौती कर रहे हैं। वहीं ओडिशा ने कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में दस फीसदी का इजाफा कर मिशाल कायम की है। केंद्र सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि पर रोक लगा रखी है। वहीं, ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते यानी डीए में 10 फीसदी के इजाफे की घोषणा की है। कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए मई के महीने के वेतन में मिलेगा।

ओडिशा में फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को 154 फीसदी  डीए मिलता है वहीं अब इसे दस फीसदी बढ़ाकर 164 फीसदी कर दिया गया है। कर्मचारियों  को बढ़ा हुआ डीए जुलाई के वेतन में जोड़कर दिया जाएगा। इसका लाभ सरकारी कर्मचारियों के साथ ही अनुदानित शिक्षण संस्थान, राज्य के विश्वविद्यालयों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ, मेडिक कॉलेज के शिक्षक, अधीनस्थ न्यायिक अधिकारी, नियमित वेतनमान में नौकरी करने वाले कर्मचारी और अनुबंधित कर्मचारियों को मिलेगा। मई की सैलरी के बाद इनके एरियर का भी भुगतान कर दिया जाएगा।

वहीं राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में किया गया है, जब राज्य का राजस्व संग्रह लॉकडाउन के कारण काफी सतह पर आ गया है।  गौरतलब है कि पिछले महीने ही ओडिशा सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी।

ठीक इसी तरह मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, सभी निगमों के अध्यक्षों और सभी शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के के वेतन में 70 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की गई थी। केंद्र सरकार के वेतन कटौती  के  फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसमें डीए की वृद्धि को फिलहाल रोक दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 360 के प्रावधानों का उल्लंघन है। 
 

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