नक्सलियों को यह संदेश दिया गया कि बस्तर के जंगलों में स्थानीय लोगों और कानून का शासन चलेगा न कि नक्सलियों का हुक्म।
देश भर में 70वां गणतंत्र दिवस बड़ी ही शान और अभिमान से मनाया गया। लेकिन शहरों की चकाचौंध से दूर नक्सल प्रभावित बस्तर में जंगलों में तिरंगे के नीचे खड़े होकर राष्ट्रगान गाने का अलग ही महत्व है। इस बार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के पुलिस-प्रशासन ने नक्सलियों के गढ़ में तिरंगा फहराया।
इस इलाके में पहले नक्सली काले झंडे फहराया करते थे। लेकिन इस बार नक्सलियों के 'गन-तंत्र' को गणतंत्र दिवस पर करारा जवाब दिया गया।
Chhattisgarh: Police & District Administration Bastar hoist the national flag at the banks of Indravati River. pic.twitter.com/NFpVtHhYnt
— ANI (@ANI)छत्तीसगढ़ में पुलिस और जिला प्रशासन ने नक्सलियों के गढ़ इंद्रावती नदी के तट पर ध्वजारोहण करके गणतंत्र दिवस मनाया। पुलिस और प्रशासन ने नक्सलियों के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने का संदेश दिया।
बस्तर के एसपी आरिफ शेख ने कहा, 'गांव के मुखिया की छह महीने पहले नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उनकी मांग थी कि इंद्रावती नदी पर एक पुल बनाया जाए इसलिए हमने सुबह यहां आकर ध्वजारोहण किया ताकि नक्सलियों को यह संदेश दिया जा सके कि यहां जंगलों में स्थानीय लोगों और पुलिस का शासन चलेगा न कि नक्सलियों का।'
SP Bastar: The village head was killed six months ago by naxals after he demanded that a bridge be constructed across the Indravati River, so we came early morning to hoist the flag here. To convey the message that the people and the police will rule the forests, not naxals. pic.twitter.com/LFserG9Ulz
— ANI (@ANI)यहां के ग्रामीण इस नदी पर लंबे समय से पुल बनाने की मांग भी करते रहे हैं। लेकिन नक्सलियों को लगता है कि कनेक्टिविटी बढ़ने से इलाके में उनका प्रभाव कर हो जाएगा। इस इलाके में नक्सलियों और पुलिस के बीच संघर्ष की खबरें भी आती रही हैं।