उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर आज सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए 24 फरवरी तक का समय दिया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर आज सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए 24 फरवरी तक का समय दिया है। लेकिन सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजभर कैबिनेट से बाहर हो सकते हैं। हालांकि राजभर आज पिछड़ा वर्ग विभाग सीएम को वापस करेंगे। जबकि दिव्यांगजन विभाग को अपने पास रखेंगे। उधर कांग्रेस की नजर राजभर है। माना जा रहा है कि राजभर की कांग्रेस के नेताओं से बातचीत चल रही है। हालांकि राजभर इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में आज राजभर को लेकर राजनैतिक तापमान बढ़ गया है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के विभाग का चार्ज मुख्यमंत्री को वापस करने को लेकर चर्चाएं जोरों पर चल रही हैं। हालांकि राजभर पहले ही कह चुके हैं कि अगर सरकार ने ओबीसी को दिए जाने वाले कोटे में कोटे का लागू नहीं किया तो वह 24 फरवरी को सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।
राज्य की भाजपा सरकार को राजभर की पार्टी सुभासपा समर्थन दे रही है और उसके चार विधायक हैं। राजभर सरकार पर आगामी चुनाव के लिए गठबंधन करने और कोटे में कोटा लागू करने के लिए अरसे से दबाव बना रहे हैं। असल में राजभर की नाराजगी सरकार से इसलिए भी बढ़ गयी हैं क्योंकि दो दिन पहले ही पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति राजभर की बगैर मंजूरी से की गयी वहीं इसमें नियुक्त किए सदस्यों को भी उनके बगैर अनुमति के नियुक्त किया गया।
जबकि राजभर ने अपनी तरफ से कई लोगों की सिफारिश की थी। लेकिन सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। वहीं राजभर ने बुधवार को लखनऊ में कहा कि वह गुरुवार को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का चार्ज मुख्यमंत्री को दे देंगे, हालांकि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अभी रखेंगे। राजभर ने पिछड़ों के 27% आरक्षण में बंटवारे के लिए सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने व अन्य मुद्दों पर भाजपा को 24 फरवरी तक का समय दे रखा है।
राजभर का कहना है कि राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग की नई कमेटी के गठन के लिए 28 लोगों की सूची तैयार कर सीएम को भेजी थी जबकि सीएम ने 24 सदस्यों का नाम तय कर सूची विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेज दी है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा तैयार सूची में उनके द्वारा भेजी गई सूची से एक भी नाम कमेटी में नहीं रखा गया है।