कभी सोनिया को सिखाए थे राजनीति के गुर और अब 370 पर कर रहे हैं पीएम मोदी की तारीफ

By Team MyNation  |  First Published Aug 5, 2019, 10:07 PM IST

कांग्रेस के पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने पर केन्द्र की मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है। द्विवेदी ने कहा कि आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है। भले ही देर से लिया गया फैसला है। द्विवेदी को कभी सोनिया गांधी का सबसे विश्वासपात्र माना जाता था। लेकिन वह पार्टी में अहमद पटेल के बढ़ते कद के बाद गांधी परिवार से दूर हो गए हैं।

नई दिल्ली। कभी सोनिया गांधी को राजनीति के गुर सिखाने वाले कांग्रेस के पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने पर केन्द्र की मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है। द्विवेदी ने कहा कि आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है।

भले ही देर से लिया गया फैसला है। द्विवेदी को कभी सोनिया गांधी का सबसे विश्वासपात्र माना जाता था। लेकिन वह पार्टी में अहमद पटेल के बढ़ते कद के बाद गांधी परिवार से दूर हो गए हैं। पिछले कुछ महीनों से गांधी परिवार से नाराज चल रहे द्विवेदी ने कहा कि "मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे।

आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है, भले ही देर से।" फिलहाल द्विवेदी का ये बयान पार्टी लाइन से अलग है। लिहाजा माना जा रहा आने वाले दिनों में द्विवेदी पर आलाकमान की गाज गिर सकती है। जनार्दन द्विवेदी को कभी सोनिया गांधी का सबसे करीबी माना जाता था।

लेकिन पिछले कई महीनों से वह पार्टी की मुख्य धारा से अलग हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद बयान दिया था कि पार्टी को जल्द ही अध्यक्ष के लिए फैसला लेना चाहिए। आज द्विवेदी ने केन्द्र सरकार द्वारा आज 370 और 35 ए के लिए लिए गए फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया।

इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले लिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए बयान में जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे।

हालांकि द्विवेदी ने ये पहले ही साफ कर दिया था कि ये पार्टी का बयान नहीं हैं बल्कि ये उनकी निजी राय है। गौरतलब है कि आज गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया। इस प्रस्ताव के तहत लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केन्द्र शासित राज्य का दर्जा दे दिया गया है और जम्मू कश्मीर को भी केंद्र शासित घोषित कर दिया गया है।

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