बस इस एक खबर से जानें ‘कर-नाटक’ की पूरी सियासी कहानी

By Harish Tiwari  |  First Published Jul 19, 2019, 11:02 AM IST

अब राज्यपाल के आदेश के बाद कुमारस्वामी की अगुवाई वाले कांग्रेस-जदएस गठबंधन आज बहुमत साबित करना ही होगा। हालांकि इसके बावजूद सबकी नजर विधानसभा अध्यक्ष पर टिकी हुई है। जो राज्यपाल के फैसले को दरकिनार कर सकते हैं। या फिर कुमारस्वामी सरकार से वोटिंग कराने को कह सकते हैं। 

कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार को लेकर सियासी संग्राम जारी है। राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए आज दोपहर 1.30 तक का समय दिया है।

सवाल ये है कि बहुमत खो चुकी कुमारस्वामी सरकार किसके इंतजार में है। क्योंकि ये सभी को मालूम है कि 15 बागी विधायक सरकार को समर्थन नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण सरकार अल्पमत में आ गयी है। तो उसके बावजूद कुमारस्वामी सदन में विश्वासमत के लिए वोटिंग क्यों नहीं करा रहे हैं।

अब राज्यपाल के आदेश के बाद कुमारस्वामी की अगुवाई वाले कांग्रेस-जदएस गठबंधन आज बहुमत साबित करना ही होगा। हालांकि इसके बावजूद सबकी नजर विधानसभा अध्यक्ष पर टिकी हुई है। जो राज्यपाल के फैसले को दरकिनार कर सकते हैं। या फिर कुमारस्वामी सरकार से वोटिंग कराने को कह सकते हैं।

कल ही राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को बहुमत के लिए वोटिंग कराने के लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष को आदेश नहीं दे सकते हैं केवल सलाह दे सकते हैं।

क्या है विधायकों का गणित
विधानसभा में 225 विधायक हैं। इसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं। वहीं एक विधायक मनोनीत है। शुक्रवार को सदन में 20 विधायक नदारद थे। इसमें बागी 15 विधायकों के साथ ही दो निर्दलीय विधायक और एक विधायक बीएसपी का था। 15 बागी विधायकों के सदन मे अनुपस्थित रहने की स्थिति में विधायकों की संख्या 210 होती है।

इसमें से पचास फीसदी के साथ एक अतिरिक्त विधायक के फार्मूले के तहत कुमारस्वामी सरकार को 106 विधायकों की जरूरत होगी। लेकिन उसके पास समर्थन महज 100 विधायकों का है और शुक्रवार को सदन में उसके समर्थन में महज 98 विधायक ही मौजूद थे।

वहीं भाजपा के पास 105 विधायक हैं और इसके साथ ही राज्य के दो निर्दलीय विधायक भी भाजपा के समर्थन में हैं। यानी भाजपा के पक्ष में 107 विधायकों का समर्थन है। दो निर्दलीय विधायकों में एच नागेश और आर शंकर पहले ही बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं। 

राज्यपाल ने क्या लिखी चिट्ठी

राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कांग्रेस-जदएस के 15 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। पहली नजर में अन्य परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री बहुमत या सदन का विश्वास खो चुके हैं। लिहाजा इसके लिए आज दोपहर  1.30 बजे तक सदन में अपना बहुमत साबित करें।

कल सदन में 20 विधायक रहे गैरहाजिर 

कर्नाटक में शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के 15 बागी विधायकों के साथ ही दो निर्दलीय विधायक और एक बसपा का विधायक भी सदन से गायब रहा। जिसके बाद कुमारस्वामी सरकार ने सदन में अपना बहुमत खो दिया था।

राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष में ठनी

विधानसभा में विश्वासमत की वोटिंग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल के बीच ठन गयी है। राज्यपाल ने कल पत्र लिखकर जैसे ही सदन में वोटिंग कराने को विधानसभा को कहा तो उन्होंने कहा कि राज्यपाल सलाह दे सकते हैं आदेश नहीं। इससे साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष भी अपने अधिकारों में किसी का दखल नहीं चाहते हैं।

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