नवंबर का महीना सुरक्षा बलों के लिए काफी अहम रहा। सेना ने एक महीने में 37 आतंकियों को मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे सेना के 'ऑपरेशन ऑलआउट' में नवंबर का महीना काफी अहम रहा। सेना ने एक महीने में 37 आतंकियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई से आतंकी संगठनों में इस कदर खौफ बैठ गया है कि अब उनके सरगना छिपकर रहने की हिदायत जारी कर रहे हैं।
आतंकी जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद द्वारा अपने आतंकियों के लिए जारी किया गया एक पत्र 'माय नेशन' के हाथ लगा है जिसमें उन्हें सुरक्षा बलों से बचने के लिए गुप्त ठिकानों की तलाश करने के लिए कहा गया है। अंसार गजवत उल हिंद को आईएसजेके का मुखौटा भी कहा जाता है।
पत्र में आतंकी संगठन ने लिखा है कि सुरक्षा बलों से छिपने वाले ठिकाने ऐसे हों जिनके बारे में किसी अन्य व्यक्ति को कोई जानकारी ना हो, ताकि कोई भी आतंकी सेना का शिकार ना हो पाए। पत्र में आतंकी संगठन ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के ऑपरेशन ऑलआउट को पूरा करने के लक्ष्य को विफल करने को भी कहा है।
पत्र में आतंकियों को यह भी हिदायत दी गई है कि वह अपने उन्हीं लोगों से जानकारी साझा करें, जो उनके भरोसेमंद है क्योंकि सेना रात को बिना आवाज वाले ड्रोन से इन आतंकियों पर नजर रख रही है।
आतंकी संगठनों की इस एडवाइजरी में यह भी हिदायत दी गई है कि आतंकी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करें। आतंकियों को इंटरनेट का उपयोग न करने को कहा गया है। जरूरत पड़ने पर वीपीएन से इंटरनेट यूज करने को कहा गया है ताकि मोबाइल की लोकेशन पता न चल सके। आतंकियों को यह सलाह भी दी गई है कि वे रिहायशी इलाकों से दूर जंगलों में अपने गुप्त ठिकाने बनाएं और आवश्यक सामग्री भी वहां रखें ताकि सुरक्षा बलों की पहुंच से बाहर रह सके। कुछ दिन पहले ही 'माय नेशन' ने बताया था कि सेनाने किस तरह मोबाइल ट्रैक कर दो बड़े आतंकियों को मौत के घाट उतारा था।