असल में काफी समय के बाद राज्य में आतंक का नेटवर्क तैयार करने वाला सरगना मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी की तलाश सुरक्षा बलों को है और वह उनकी पकड़ से दूर है। यही नहीं घाटी में सरूरी जैसे करीब आधा दर्जन आतंकी सरगना है जो राज्य के युवाओं को बहकाकर राज्य में आतंकवाद को फिर से जिंदा करना चाहते हैं। फिलहाल इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों ने नई रणनीति पर काम शुरू किया कर दिया है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में एक ही दिन में छह आतंकियों को मौत के घाट उतारने के बाद अब सुरक्षा बलों के निशाने पर राज्य में आतंक का नेटवर्क तैयार कर रहे आतंकी सरगना मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी है। जिसको अब भारतीय सुरक्षा बल अपने त्रिशक्ति के जरिए खत्म करेगी। फिलहाल राज्य में छह आतंकियों को गिराने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को काफी हद तक राहत मिली है। राज्य में सुरक्षा बलों ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर एक ग्रुप तैयार किया है। जिसे त्रिशक्ति नाम दिया गया है। जो स्थानीय स्तर पर आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त आतंकियों के सफाए की रणनीति पर काम कर रही है।
असल में काफी समय के बाद राज्य में आतंक का नेटवर्क तैयार करने वाला सरगना मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी की तलाश सुरक्षा बलों को है और वह उनकी पकड़ से दूर है। यही नहीं घाटी में सरूरी जैसे करीब आधा दर्जन आतंकी सरगना है जो राज्य के युवाओं को बहकाकर राज्य में आतंकवाद को फिर से जिंदा करना चाहते हैं। फिलहाल इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों ने नई रणनीति पर काम शुरू किया कर दिया है।
दो दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने जाहिद और ओसामा को मार गिराया है और इन दो आतंकियों के मारे जाने के बाद चिनाब घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन का नेटवर्क टूट गया है। इन दोनों आतंकियों ने राज्य में पिछले दिनों भाजपा नेता और संघ नेता की हत्या की थी। असल में राज्य में आतंकियों के सफाए के लिए एक रणनीति बनाई गई। जिसका खाका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तैयार किया।
जिसके तहत पुलिस, एनआईए और सेना ने स्थानीय स्तर पर स्लीपर सेल के वर्कर्स के दबोचना शुरू किया और इसके जरिए आतंकियों को ठिकाने और उनके बारे में जानकारी एकत्रित करनी शुरू की। सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 30 वर्करों को दबोचा गया। एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि स्थानीय आतंकी जाहिद, ओसामा और अन्य आतंकियों को पनाह दे रहे थे। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों को जहांगीर के बारे में सूचना मिली है और जल्द ही उसका खात्मा भी हो जाएगा। फिलहाल सुरक्षा बलों की त्रिशक्तियों ने स्थानीय स्तर पर आतंकियों के नेटवर्क को खत्म कर दिया है।