इनेलो के बिखराव का फायदा उठाने के लिए तैयार है दूसरी पार्टियां

By Team MyNationFirst Published Nov 14, 2018, 6:20 PM IST
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अंतर्कलह की वजह से इनेलो पार्टी टूटती है तो जाहिर है कि इनेलो के वोटर भी बिखरेंगे और इसी बिखराव का फायदा कांग्रेस व भाजपा उठाने की फिराक में है।

 सांसद दुष्यंत व इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के बाद इनेलो प्रधान महासचिव डा. अजय चौटाला के निष्कासन के बाद इनेलो के ‘कुनबे’ की जंग और गहराने के आसार बन रहे हैं, वहीं परिवार की लड़ाई पर विरोधी दलों की भी नजरें गड़ गई हैं। निश्चिततौर पर ‘कुनबे’ की जंग के बीच आगामी चुनावों में विरोधी सियासी दलों को बड़ा फायदा मिलेगा। देखा जाए तो इनेलो का गढ़ खासकर हरियाणा के दक्षिण क्षेत्र और ग्रामीण अंचलों को माना जाता है। हरियाणा के बड़े मतदाता माने जाने वाली जाट बेल्ट में भी इनेलो की अच्छी पैठ है। इसी के बूते आज भी इनेलो हरियाणा में मुख्य विपक्षी पार्टी है। मगर अब यदि कुनबे की जंग आगे बढ़ती है, तो इसका असर इनेलो के वोट बैंक पर पडऩा लाजिमी है।

अंतर्कलह की वजह से इनेलो पार्टी टूटती है तो जाहिर है कि इनेलो के वोटर भी बिखरेंगे और इसी बिखराव का फायदा कांग्रेस व भाजपा उठाने की फिराक में है। चूंकि हरियाणा के जाट और ग्रामीण वोटरों पर कांग्रेस की भी बढिय़ा पकड़ हैं, इसलिए इनेलो के बिखराव से सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। लेकिन भाजपा अभी सत्तासीन है और चूंकि पूर्व में भाजपा-इनेलो का गठबंधन भी रहा है, इसलिए भाजपा भी इनेलो बिखराव का फायदा लेने को हर पैंतरा खेलेगी।

‘अपनों’ के खेमों में बंटा है इनेलो 
इनेलो पार्टी भले ही हरियाणा का एक बड़ा सियासी परिवार है। लेकिन मौजूदा हालात यदि देखें तो ये पार्टी आज भी ‘अपनों’ के खेतों में बंटी हुई है। ओमप्रकाश चौटाला के अपने समर्थक है, उनके बेटे डा. अजय सिंह चौटाला और नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला व पोतों इनेसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और हिसार सांसद दुष्यंत चौटाला के अपने-अपने समर्थक हैं।

38 से 40 सीटों पर जाट वोट बैंक का दबदबा
सूबे में 38 से 40 सीटों पर जहां जाट वोट बैंक का दबदबा है। वहीं 45 से 50 सीटों पर गैर जाट मतदाताओं का बोलबाला है। चौटाला ‘कुनबे’ की जंग के बीच सियासी दल अपने-अपने स्तर पर समीकरणों को भिडऩे में जुटे हुए हैं।

दक्षिण हरियाणा अजय चौटाला की कर्मभूमि
दादरी से इनेलो के विधायक राजदीप फौगाट ने बताया कि दक्षिण हरियाणा डा. अजय सिंह चौटाला की कर्मभूमि है। ऐसे में यहां के वोटर अजय सिंह चौटाला व उनके परिवार से जुड़े हुए हैं। दक्षिण हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अजय चौटाला परिवार के साथ हैं और आगामी चुनाव में निश्चित तौर पर यह परिवार बड़ा फेरबदल करते हुए सत्ता पर काबिज होगा।

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