फिलहाल ये अब तय हो गया है कि पी.चिदंबरम जेल में ही रहेंगे। क्योंकि कोर्ट ने पूर्व मंत्री को जमानत नहीं दी है। वहीं कोर्ट ने ईडी को तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री से पूछताछ करने की इजाजत दे दी है। लिहाजा अब उनकी मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। ईडी बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री से पूछताछ करेगी। यही नहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती है तो उसे कोर्ट इसके लिए इजाजत देती है। चिदंबरम तिहाड़ जेल में इस समय बंद हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी.चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम से पूछताछ करेगी। फिलहाल दिल्ली की एक कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने से मना कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने ईडी से चिदंबरम से आधा घंटे पूछताछ करने का आदेश दिया है। हालांकि चिदंबरम जवाब नहीं देते हैं तो ईडी उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। इसकी इजाजत कोर्ट ने ईडी को दी है।
फिलहाल ये अब तय हो गया है कि पी.चिदंबरम जेल में ही रहेंगे। क्योंकि कोर्ट ने पूर्व मंत्री को जमानत नहीं दी है। वहीं कोर्ट ने ईडी को तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री से पूछताछ करने की इजाजत दे दी है। लिहाजा अब उनकी मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। ईडी बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री से पूछताछ करेगी। यही नहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती है तो उसे कोर्ट इसके लिए इजाजत देती है। चिदंबरम तिहाड़ जेल में इस समय बंद हैं।
सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था और इसके बाद वह 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। जबकि चिदंबरम ने कोर्ट में अपने स्वास्थ्य को लेकर जमानत की याचिक दाखिल की थी। कोर्ट में चिदंबरम के वकीलों का कहना था कि वह वरिष्ठ नागरिक हैं। लिहाजा उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए। जबकि कोर्ट में सीबीआई का कहना था कि वह सक्षम व्यक्ति हैं और उन्हें पूछताछ के लिए उनकी जरूरत है। वहीं ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में उनसे पूछताछ करने की इजाजत मांगी थी।
आज ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चिदंबरम से पूछताछ की इजाजत मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि ईडी तिहाड़ जेल में जाकर आधे घंटे पूछताछ कर सकती है। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर जरूरत हो तो ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकती है। लिहाजा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है। गौरतलब है कि चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए 2007 में 305 करोड़ का विदेश फंड प्राप्त करने के लिए आइएनएक्स मीडिया समूह को गैर कानूनी तरीके से निवेश की मंजूरी दी थी।