पश्तूनों ने पाक सेना प्रमुख को कहा 'आतंकवादी', पीओके में भी भारत से मदद मांग रहे लोग

By Siddhartha RaiFirst Published Jul 17, 2018, 5:28 PM IST
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'माय नेशन' को मिले वीडियो में खैबर-पख्तूनख्वा में लोग हारून बिलोर की हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हथियार उठाए नजर आ रहे हैं...

आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाला पाकिस्तान अपने इसी अभिशाप से टूट की कगार पर पहुंचता दिख रहा है। खैबर-पख्तूनख्वा में अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता हारून बिलोर की हत्या के विरोध में उतरे लोगों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं। वह देश में 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में किस्मत आजमा रहे थे। 'माय नेशन' के पास इसका वीडियो उपलब्ध है। 

एएनपी पश्तून नेशनलिस्ट संगठन है। इसे खैबर पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान में काफी समर्थन हासिल है। यह वीडियो पेशावर के पास का है। इसमें लोगों को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खिलाफ नारेबाजी करते और उन्हें 'आतंकी' कहते देखा जा सकता है। स्थानीय लोग बिलोर की हत्या के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसमें वो कह रहे हैं, 'इसके पीछे वर्दी है।'

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आजादी की लड़ाई लड़ रहे सेंगे सेरिंग ने इन विरोध-प्रदर्शनों के बाद एक बार फिर भारत से मदद की गुहार लगाई है। स्कार्दू में जन्मे और अमेरिका में निर्वासित जीवन बिता रहे सेरिंग ने 'माय नेशन' को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत से हस्तक्षेप करने की मांग की। 

सेरिंग ने कहा, गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान सरकार से इतर तत्वों के हाथों रेप, अत्याचार और आर्थिक शोषण झेल रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से इन लोगों को यहां के खनिजों से दोहन की पूरी आजादी मिली हुई है। शिया बहुल गिलगित-बाल्टिस्तान में एक तरह से जातीय सफाया किया जा रहा है। 

"सेरिंग ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की ओर से भारत को जम्मू-कश्मीर के लोगों की जिंदगी, सम्मान, संपत्ति और आजादी की रक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर भी आता है। पाकिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे हालात के चलते पीओजेके के लोग भारत और संयुक्त राष्ट्र के साथ अपना संवाद सुधारने को विवश हुए हैं। वे कम से कम पीड़ा और नतीजों के जरिये समस्या का हल निकालना चाहते हैं।' 'आज खैबर पख्तूनख्वा में लोग सेना प्रमुख जनरल बाजवा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्हें आतंकी कह रहे हैं। उन्होंने हारून बिलोर की हत्या का आरोप पाकिस्तानी सेना पर लगाया है। बिलोर की एक चुनाव रैली के दौरान आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी।'

सेरिंग ने कहा, 'पाक सेना में दूरदर्शिता की कमी के चलते वह एक बारूद का ढेर बन गई है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से मिली चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान विनाश के रास्ते पर चल रहा है। पाकिस्तानी सेना के आतंकी सरगनाओं' को चुनाव लड़ने देने और चुनाव अभियान चलाने देने से न सिर्फ ध्रुवीकरण होगा और बल्कि सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। 

अपने एक ट्वीट में सेरिंग ने कहा, 'पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य का निर्णायक पल। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को खुलेआम आतंकी कहा और उन्हें घेरे खड़े जवान पूरी तरह असहाय नजर आए। सेना ने पाकिस्तान को बारूद के ढेर में तब्दील कर दिया है। उम्मीद है कि पाक सेना के जनरल इन चिंगारियों को देखने के लिए जिंदा होंगे। जिन तत्वों ने पाकिस्तान बनाया, वही इसका बंटवारा करेंगे।'

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