पाकिस्तान की सेना हर मोर्चे पर बार बार भारत से मात खाकर बेइज्जत होती है। लेकिन फिर भी बढ़ चढ़कर बयान देने की उसकी आदत जा नहीं रही है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने एक बार फिर बड़बोलापन दिखाते हुए भारत को धमकी दी है।
नई दिल्ली: पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह पश्तून अलगाववादी आंदोलन के लिए कथित रुप से पैसे भेज रहा है।
गफूर ने बड़ी बड़ी डींगे हांकने के चक्कर में यह भी बोल दिया कि ‘भारत को याद रखना चाहिए कि ये 1971 नहीं है जब बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ था। उन्होंने भारत को चुनौती दी कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद की कार्रवाई से जुड़े सुबूत सार्वजनिक किए जाएं’।
गफूर ने बयान दिया कि ‘ ये 1971 नहीं है, ना ही ये सेना 1971 की है, ना ही पाकिस्तान का मीडिया 1971 का है। अगर भारत ने कुछ भी किया तो '27 फरवरी' फिर से होगा’। भारत जिस एफ-16 को मार गिराने का दावा करता है, एक बार अमेरिका से उन विमानों की गितनी करवा ले सच सामने आ जाएगा’।
गफूर ने कश्मीर के बारे में बयान देते हुए कहा कि ‘कश्मीर तो हमारी रगों में दौड़ता है। कश्मीरियों के लिए हमारा पूरा समर्थन है और उनके लिए तो पाकिस्तान जंग के लिए भी तैयार रहता है। कश्मीरियों को आजादी और उनका हक दिलाने के लिए हम हमेशा संघर्ष करते रहेंगे’।
दरअसल पाकिस्तान के लोग हमेशा भारत से अपनी तुलना करते हैं। वहां की फौज भी इसकी अपवाद नहीं है। हमारी तरक्की और तकनीक देखकर पाकिस्तानी हमेशा ईर्ष्या करते हैं। उसपर से 1971 की जंग, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे, वह वाकया याद करके पाकिस्तान की फौज आज भी शर्मिंदा होती है।
आसिफ गफूर ने अपने बयान में जो 1971 का जिक्र किया वह इसी अहसासे कमतरी का नतीजा था।