पाकिस्तान को सप्लाई होने वाली सस्ती दवाएं बंद हो गई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को तोड़ना है। लिहाजा अब पाकिस्तान में दवाओं की कमी हो गई है। जिसके कारण वहां पर उपलब्ध दवाओं की कीमतों में भारी इजाफा हो गया है। यही नहीं पाकिस्तान के पास विदेशों से महंगी दवा मंगाने के पैसे भी नहीं हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को तोड़कर अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारी है। पाकिस्तान में दवाओं की भारी कमी हो गई है। जो जीवन रक्षक दवा भारत से पाकिस्तान को 1 हजार में निर्यात की जाती थी वही दवा यूरोप से आयात करने में 70 हजार रुपये में मिल रही है। जिसके कारण पाकिस्तान पर आर्थिक बोझ बढ़ता ही जा रहा है। यही नहीं जो पाकिस्तान सस्ते इलाज के लिए भारत आते थे वह अब भारत नहीं आ पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें महंगे खर्च पर इलाज कराना पड़ रहा है।
पाकिस्तान को सप्लाई होने वाली सस्ती दवाएं बंद हो गई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को तोड़ना है। लिहाजा अब पाकिस्तान में दवाओं की कमी हो गई है। जिसके कारण वहां पर उपलब्ध दवाओं की कीमतों में भारी इजाफा हो गया है। यही नहीं पाकिस्तान के पास विदेशों से महंगी दवा मंगाने के पैसे भी नहीं हैं। फिलहाल पाकिस्तान में जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाओं की भारी कमी हो गई है।
जिसके कारण पाकिस्तान में लोगों की जान जा रही है। पाकिस्तान के कई प्रांतों में कुत्तों के काटने के कारण लोगों की जान चली गई है। क्योंकि पाकिस्तान के पास एंटी रेबीज दवा उपलब्ध नहीं है। अभी तक पाकिस्तान इसे भारत से आयात करता था। लेकिन पाकिस्तान द्वारा व्यापारिक रिश्तों को खत्म करने के बाद भारत से वहां पर दवाएं निर्यात नहीं की जा रही हैं। यही नहीं जिस वैक्सीन को भारत से महज एक हजार रुपये में पाकिस्तान को निर्यात किया जाता था। वह दवा यूरोप में 70 हजार में मिल रही है।
लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह महंगी दवा नहीं आयात कर पा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान से भारत में इलाज कराने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। क्योंकि पाकिस्तान इन मरीजों को भारत नहीं भेज रहा है। लिहाजा महंगे इलाज के लिए लोगों को अन्य देशों की तरफ रूख करना पड़ रहा है। अभी तक पाकिस्तान से भारत में कई मरीज हर साल इलाज के लिए आते थे। जिनका भारत में सस्ते में इलाज होता था।