धारा 370 हटाना पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके की तरह है। भारतीय संसद का यह कदम उसे ना तो उगलते बन रहा है और ना ही निगलते बन रहा है। लेकिन ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान चुप नहीं बैठकर भारत के लिए मुश्किल पैदा करने की हर संभव कोशिश करेगा। इसके लिए उसने सीमा पर सेना का जमावड़ा तो शुरु ही कर दिया है। इसके साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी देशों के गुट को भारत के खिलाफ भड़काना भी शुरु कर दिया है।
नई दिल्ली: धारा 370 के मामले पर पाकिस्तान अजीब तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है। पाकिस्तानी नेता कश्मीर मसले को अपनी 'शह रग'(गर्दन की नस) बताते रहे हैं। लेकिन अब उसकी गर्दन की नस पर भारत ने पूरी तरह दबाव बना दिया है, जिसकी वजह से पाकिस्तान बिलबिलाता हुआ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद जुटा रहा है।
इस काम के लिए वह धर्म की दुहाई देते हुए एक एक करके इस्लामी देशों से बात कर रहा है और उन्हें भारत के खिलाफ एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
खबर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामी देश मलेशिया और तुर्की के सामने गुहार लगाई है।
मलेशिया के महातिर मोहम्मद के सामने इमरान ने दुखड़ा रोया
मलेशिया के प्रधानमंत्री से अपनी बातचीत में इमरान खान ने अपने परमाणु बमों की दुहाई दी है। इमरान ने कहा है कि 'कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है। भारत का कदम परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और बिगाड़ेगा'।
पाकिस्तान के मीडिया संस्थान जियो न्यूज ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के हवाले से जारी किए गए एक बयान में यह जानकारी दी है कि इमरान खान ने कश्मीर के हालात पर अपने मलेशियाई समकक्ष महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के परमाणु बमों की एक बार फिर से धौंस दिखाने की कोशिश की।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इमरान खान को आश्वासन दिया है कि वह इस मसले पर लगातार पाकिस्तान के संपर्क में बने रहेंगे और वह स्वयं भी कश्मीर मामले की करीबी से निगरानी कर रहे हैं। अगले महीने ही न्यूयॉर्क में इमरान और महातिर मिलने वाले हैं।
तुर्की के पीएम को भी अपने पाले में लाने की इमरान ने की कोशिश
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय ने जानकारी दी है कि इमरान खान ने विश्व के कई नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश की है। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति एरदोगन से भी इस मसले पर चर्चा की है। इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एरदोगन से कहा है कि 'कश्मीर के विशेष दर्जा में बदलाव करने की भारत की अवैध कार्रवाई का क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। इमरान ने एरदोगन से अपनी चर्चा में यह भी कहा है कि पाकिस्तान कश्मीरी अवाम के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए उनकी उचित मांगों का कूटनीतिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखेगा।
पाकिस्तानी मीडिया दावा कर रही है कि तुर्की राष्ट्रपति एरदोगन ने कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का साथ देने का वादा किया है।
अमेरिका के सामने भी गिड़गिड़ाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि जल्दी ही अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की यात्रा पर आने वाला है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली बैठकों में इस मुद्दे प्रमुखता से उठाएगा। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी इस मामले को रखा जाएगा।
दरअसल पाकिस्तान धारा 370 हटाने के मुद्दे पर भारत के खिलाफ दुनिया भर के देशों का संगठन बनाकर उसपर दबाव बनाना चाहता है। क्योंकि कश्मीर का मामला उसके अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। वह कभी भी कश्मीर पर भारत का पूरी तरह कब्जा स्वीकार नहीं कर सकता है। इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो सकता है।