जानें क्यों भारत ने विश्व शक्तियों से कहा यह हमारा घरेलू मामला

By Team MyNation  |  First Published Aug 6, 2019, 7:43 AM IST

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को दी। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों ने चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य देशों के राजनयिकों से मुलाकात की और उन्हें मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी गई। 

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35ए को खत्म करने के फैसले के बाद विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों ने चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन समेत अपने मित्र देशों को इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने इन देशों के राजनयिकों को बुलाकर इसकी जानकारी दी और कहा कि ये उनका घरेलू मामला है।

हालांकि उधर पाकिस्तान पूरे दिन भर चिल्लाता रहा कि ये जन्मू कश्मीर के लोगों के अधिकारों का हनन है। लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया था कि वह एक देश में दो कानून को इजाजत नहीं देगी। पाकिस्तान इस मुद्दे को यूएन में ले जाने की कोशिश करता रहा और वहीं उनसे अमेरिका के सामने भी जम्मू कश्मीर के इस मुद्दे उठाने की कोशिश की।

लेकिन उसे वहां से कोई मदद नहीं मिली। हालांकि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को दी। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों ने चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य देशों के राजनयिकों से मुलाकात की और उन्हें मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी गई। 

विदेश सचिव विजय गोखले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसले के बाद उपजी मौजूदा स्थितियों के बारे में जानकारी दी। वहीं भारत ने अन्य मित्र देशों को इसकी जानकारी भी दी।जबकि अन्य अधिकारियों ने दूसरे देशों के राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार के फैसले के बारे में बताया।

भारत ने सभी देशों को साफ बताया कि ये देश का घरेलू मामला है और इसमें किसी की भी दखलअंदाजी पसद नहीं की जाएगी। केन्द्र सरकार का जम्मू कश्मीर को लेकर मकसद साफ है और वह राज्य में सुशासन, सामाजिक न्याय लाने और वहां आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है।

गौरतलब है कि सोमवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभबा में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के साथ ही उसे केन्द्रशासित प्रदेश घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था जो मंजूर हो गया है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है।

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