विदेश मंत्री जयशंकर के लिए पाकिस्तान से आई पहली चुनौती

By Team MyNationFirst Published Jun 2, 2019, 11:00 AM IST
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इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की इफ्तार पार्टी में आए मेहमानों से बदसलूकी, अंदर जाने से रोका, कइयों की गाड़ियां भी उठवाईं।

अमेरिका और चीन मामलों के विशेषज्ञ एस जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री बनाकर सबको चौंका दिया। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जयशंकर विदेश सचिव बने थे। वह अमेरिका में भारत के राजदूत भी रहे। लेकिन पद संभालते ही उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान से खड़ी हुई है। 

14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद लंबे समय तक चला तनाव कुछ कम हो रहा था कि पाकिस्तान ने एक बार फिर इसे भड़काने की नापाक कोशिश की है। इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास ने एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से पार्टी के मेहमानों को रोका गया।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंसियों ने होटल सेरेना में आयोजित इस इफ्तार पार्टी में आ रहे सैकड़ों मेहमानों को वापस भेज दिया। यही नहीं जो लोग अंदर जा चुके थे, उनकी गाड़ियां उठवा दी गईं। साथ ही उनउनका उत्पीड़न भी किया गया। भारतीय उच्चायोग के मेहमानों को फोन पर भी धमकियां दी गईं 

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंसियों ने आमंत्रित लोगों को गुप्त नंबरों से फोन किया और भारत की ओर से आयोजित इफ्तार में शामिल होने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। 

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इस पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा कि हम अपने उन सभी मेहमानों से माफी मांगते हैं, जिन्हें वापस लौटा दिया गया। पाकिस्तानी एजेंसियों की इस तरह की हरकत करना निराशाजनक है। बिसारिया ने कहा, 'पाकिस्तानी अधिकारियों ने न सिर्फ कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया बल्कि असभ्य व्यवहार किया। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा।' 

Indian High Commissioner to Pakistan Ajay Bisaria to ANI: We apologise to all our guests who were aggressively turned away from our Iftar yesterday. Such intimidatory tactics are deeply disappointing (file pic) 1/2 pic.twitter.com/3skZWBa0jq

— ANI (@ANI)

इस घटना के बाद बिसारिया का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं- 'सबसे पहले आप सबको मुबारकबाद। यहां आने के लिए आप सभी का शुक्रिया। मैं आपसे माफी मांगना चाहूंगा, क्योंकि आपको अंदर आने में काफी परेशानी हुई और कई लोग अंदर नहीं आ पाए। इफ्तार का ये सिलसिला 13 साल पहले शुरू हुआ।'

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यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग अथवा राजनयिकों को परेशान किया हो। मई महीने में इस्लामाबाद के सच्चा सौदा गुरुद्वारे में 2 भारतीय राजनयिक लगभग 15 मिनट तक बंद रहे थे। तब भारत ने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की। इसी साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों और दूतावास के अधिकारियों को सिख श्रद्धालुओं से मिलने से रोक दिया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। 

अब जयशंकर की अगुवाई वाले विदेश मंत्रालय का इस पर क्या रुख रहता है, यह देखने वाली बात होगी। 

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