भारत में लोकसभा चुनावों के पहले चरण की वोटिंग से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विवादित बयान जारी किया है। इमरान ने कहा कि यदि भारत में चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ बीजेपी के पक्ष में आए तो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आने की संभावनाएं अधिक है।
भारत में लोकसभा चुनावों के पहले चरण की वोटिंग से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विवादित बयान जारी किया है। इमरान ने कहा कि यदि भारत में चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ बीजेपी के पक्ष में आए तो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आने की संभावनाएं अधिक है।
अपने इस बयान को आगे समझाते हुए इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि भारत में बीते पांच साल के दौरान मुसलमानों की परिस्थिति में इतना बड़ा बदलाव आएगा। इमरान ने दावा किया कि बीते पांच साल के दौरान भारत में मुसलमानों पर हमला हो रहा है। इस दलील के साथ इमरान खान ने दावा किया कि यदि चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनती है तो दोनों देशों के बीच किसी तरह का शांति समझौता होने की संभावना कम रहेगी।
इमरान के मुताबिक कांग्रेस सरकार विपक्ष में बैठी बीजेपी के दबाव में किसी तरह समझौता कर भारत में मुसलमानों की स्थिति को सुधारने की कवायद नहीं करेगी और इसलिए कांग्रेस सरकार में शांति के सभी प्रयास विफल हो सकते हैं। देश में मुसलमानों की स्थिति पर आपत्तिजनक बयान जारी करते हुए इमरान ने यह भी दावा किया कि कश्मीर की स्थिति में भी सुधार लाने के लिए शांति प्रक्रिया कांग्रेस सरकार की जीत की स्थिति में इसलिए नहीं हो पाएगी क्योंकि कांग्रेस सरकार विपक्ष में बैठी बीजेपी के दबाव में रहेगी।
गौरतलब है कि बीते तीन दशकों से पाकिस्तान में राजनीति कर रहे इमरान खान पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान टीम के कप्तान रहे हैं। बतौर क्रिकेटर इमरान खान को भारत में अच्छी लोकप्रियता प्राप्त थी और इमरान खान ने अपने करियर के दौरान भारत के साथ अधिक से अधिक क्रिकेट खेलने का मत रखा था। हालांकि अब देश की राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने के बाद इमरान खान दावा कर रहे हैं कि भारत में रह रहे उनके मुसलमान दोस्तों ने बताया कि पांच साल पहले तक वह भारत में खुश थे लेकिन बीते पांच साल के दौरान भारत में मुसलमानों के लिए स्थिति बेहद खराब हो गई है।
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इस्लामाबाद में विदेशी पत्रकारों से वार्ता के दौरान इमरान खान ने इजराइल का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बेंजमिन नेत्नयाहू की तर्ज पर भय और राष्ट्रवाद की भावना के सहारे चुनाव जीतने की कवायद में हैं। इमरान खान ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी का चुनावी वादा किया कि नई सरकार बनाने के बाद वह जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों को मिले विशेष अधिकारों को खत्म करने की पहल करेंगे जिससे कश्मीर को भी भारत के किसी अन्य राज्य की तरह शासित किया जा सके।
इमरान के मुताबिक इस वादे से भारत के मुसलमान परेशान हैं।गौरतलब है कि भारत में जहां किसी भी राज्य का कोई नागरिक देश के किसी अन्य राज्य में जमीन खरीद कर संपत्ति बना सकता है वहीं कश्मीर में सिर्फ कश्मीर के हिंदू और मुसलमान ही जमीन खरीद सकते हैं।
हालांकि इस बातचीत के दौरान इमरान खान ने विदेशी पत्रकारों को यह भी बताया कि उनकी सरकार को सेना का पूरा समर्थन मिला हुआ है और वह पाकिस्तान की सरहद में कश्मीर समेत सभी आतंकी गुटों का सफाया करने के लिए तैयार हैं।