पीओके में आतंकी ट्रेनिंग कैंप बंद! आर्मी चीफ रावत बोले, पुष्टि नहीं कर सकते

By Shashank Shekhar  |  First Published Jun 10, 2019, 5:12 PM IST

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पाला और बाघ में चल रहे कैंपों को बंद किए जाने की बात कही जा रही है। कोटली में हिजबुल मुजाहिदीन के एक कैंप को भी बंद किया गया है। ऐसी खबरें हैं मुजफ्फराबाद और मीरपुर में भी आतंकी कैंपों को बंद कर दिया गया है।
 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार पड़ रहे दबाव और भारत द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान पीओके में आतंकी कैंपों को कथित तौर पर बंद करने का दावा कर रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके के कोटली और निकियाल में लश्कर-ए-तय्यबा के ट्रेनिंग कैंपों को बंद किया है। यह इलाका सुंदरबनी और राजौरी के ठीक दूसरी तरफ पड़ता है। 

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पाला और बाघ में चल रहे कैंपों को बंद किए जाने की बात भी कही जा रही है। कोटली में हिजबुल मुजाहिदीन के एक कैंप को भी बंद किया गया है। ऐसी खबरें हैं मुजफ्फराबाद और मीरपुर में भी आतंकी कैंपों को बंद किया गया है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे इस दुष्प्रचार को खारिज कर दिया है। 

इस्लामाबाद द्वारा पीओके में आतंकी कैंपों को बंद करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि हमारे पास यह जांचने का कोई तरीका नहीं है कि पाकिस्तान ने ऐसा कुछ किया है। हम अपनी सीमाओं पर कड़ी चौकसी बनाए हुए हैं। 

Army Chief General Bipin Rawat on reports about Islamabad shutting down terror camps in Pakistan occupied Kashmir (PoK): No way to verify whether Pakistan has closed down terrorist camps or not. We will continue to maintain strict vigil along our borders. (File pic) pic.twitter.com/cbUC8Tzhrl

— ANI (@ANI)

सेना प्रमुख जनरल रावत के बयान से साफ हो गया है कि भारत अब पाकिस्तान के इस तरह के किसी भी दिखावे में नहीं आएगा। दरअसल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसी सूचनाएं हैं कि पीओके में 16 आतंकी शिविर चल रहे हैं। इसमें प्रशिक्षण के बाद आतंकियों को कश्मीर में घुसपैठ कराई जाती है। बताया जाता है कि 10-13 शिविर ऐसे हीं जिनका इस्तेमाल लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के आतंकियों और कमांडरो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। 

सूत्रों के अनुसार, इन कैंपों में मुजफ्फराबाद के सवाई नाला, मीरपुर के कल्च, समांज और गरहोन जुंदला कैंप शामिल है। इसके अलावा मुजफ्फराबाद के डोल्लई और शेरकोट 1 कैंप तथा मीरपुर के फगोश कैंप को भी बंद करने का दावा किया गया है। हालांकि खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन कैंपों को सचमुच बंद कर दिया गया है कि कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय में भारत में सीमापार से होने वाली घुसपैठ में कमी आई है। 

दरअसल, जहां एक ओर भारत की ओर से पाकिस्तान की सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद को लेकर घेराबंदी की जा रही है, वहीं इस्लामाबाद पर एफएटीफ के प्रतिबंध की तलवार लटक रही है। अगर पाकिस्तान आतंकियों या उनके ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तो उसे फाइनेंशिलय एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई झेलनी पड़ेगी। यही वजह है कि वह प्रतिबंधों से बचने के लिए आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा कर रहा है। 

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