पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद लोकसभा चुनाव 2019 में वोटर का अहम मुद्दा

By Team MyNationFirst Published Mar 27, 2019, 2:22 PM IST
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 चुनावी समर में जहां भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर फेक न्यूज सुर्खियां बटोर रहा है वहीं देश में अधिकांश लोगों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और नई पीढ़ी के लिए आर्थिक स्थिति बेहतर तैयार हो रही है।

लोकसभा चुनावों 2019 का शंखनाद हो चुका है और देश के लगभग 90 करोड़ वोटर अपने मत का प्रयोग कर नई केंद्र सरकार चुनने की कवायद अप्रैल और मई के दौरान करेंगे। इस चुनावी समर में जहां भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर फेक न्यूज सुर्खियां बटोर रहा है वहीं देश में अधिकांश लोगों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और नई पीढ़ी के लिए आर्थिक स्थिति बेहतर तैयार हो रही है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के 'प्यू सर्वे' ने अपने ताजा सर्वेक्षण से यह दावा करते हुए कहा है कि आम चुनावों से पहले देश में बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान से पेश हो रहा है। प्यू सर्वे के मुताबिक देश में 76 फीसदी लोगों का मानना है कि भारतीय सेना के सामने सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान से है वहीं 63 फीसदी लोगों का यहां तक कहना है कि यह खतरा बेहद गंभीर है और 65 फीसदी लोगों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेश कर रहा है।

गौरतलब है कि प्यू रीसर्च सेंटर का यह सर्वे 23 मई से 23 जुलाई 2018 तक किया गया और इस सर्वे में 2,521 लोगों की राय एकत्र की गई है. इस सर्वे में खासतौर पर कश्मीर पर पूछे गए सवाल के जवाब जहां 55 फीसदी लोगों का मानना है कि कश्मीर में आतंकवाद की एक बड़ी समस्या है वहीं 58 फीसदी लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को सेना का अधिक इस्तेमाल करते हुए हालात को काबू करने की जरूरत है। वहीं महज 7 फीसदी लोगों का कहना है कि भारतीय सेना को कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को कम करने की जरूरत है।

खासबात है कि प्यू का यह सर्वे पुलवामा हमले के 6 महीने पहले किया गया है लिहाजा सर्वे के आधार पर कहा जा सकता है कि मौजूदा समय में कहीं अधिक लोग कश्मीर में आतंकवाद को काबू करने के पक्षधर हैं.

इसके अलावा प्यू सर्वे में पूछे एक अन्य सवाल के जवाब में जहां 2014 में 25 फीसदी लोग मानते थे कि अन्य देशों से भारत का कारोबारी रिश्ता मजबूत हुआ है वहीं 2018 में यह आंकड़ा दोगुना हो गया है। सर्वे के मुताबिक 49 फीसदी लोगों का मानना है कि अन्य देशों के साथ कारोबार में भारत की स्थिति काफी बेहतर है। 

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