विसनगर सत्र अदालत ने दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया। हार्दिक और उसके दो साथियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पर्याप्त सबूत न होने के चलते 14 आरोपियों को बरी किया गया।
गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। विसनगर सत्र अदालत के जज वीपी अग्रवाल ने हार्दिक पटेल और उसके दो साथियों लालजी पटेल और एके पटेल को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया है। तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने पर्याप्त सबूत न होने के चलते 14 आरोपियों को बरी कर दिया।
सरकारी वकील चंदन सिंह राजपूत के मुताबिक, हार्दिक पटेल समेत दो अन्य दोषियों को 50 -50 हजार का जुर्माना और 10-10 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर चुकाने का आदेश दिया गया है। हालांकि सजा के ऐलान के बाद हार्दिक ने तुरंत जमानत के लिए अपील की। उन्हें जमानत मिल गई है। मेहसाणा जिले के विसनगर में पाटीदार अनामत आंदोलन के बैनर तले आयोजित एक रैली के बाद हिंसात्मक भीड़ ने एक कार को आग लगा दी थी और भाजपा के स्थानीय विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। इस दौरान कुछ मीडियाकर्मियों से भी मारपीट की गई थी। 23 जुलाई, 2015 को दर्ज कराई गई एफआईआर में हार्दिक को भी आरोपी बनाया गया था।
हार्दिक ने एक बार फिर पाटीदारों को आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। वह इस बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की तैयार कर रहे हैं। उनकी भूख हड़ताल 25 अगस्त से शुरू होगी।