पीएम किसान योजनाः 2000 रुपये की पहली किस्त की तैयारी शुरू, आधार जरूरी नहीं

- मार्च तक पहली किस्त में 2000 रुपये मिल जाएंगे किसानों को। दूसरी किस्त के लिए खाता आधार से जोड़ना होगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजा पत्र। 

Payments to farmers: Government says Aadhaar not compulsory for first installment

छोटे और सीमांत किसानों को नकद समर्थन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत पहली किस्त के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, दूसरी किस्त पाने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है।

सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपये की नकद मदद दी जाएगी। यह राशि तीन किस्तों में उनके बैंक खाते में डाली जाएगी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया।

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, दो हजार रुपये की पहली किस्त के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा लेकिन दूसरी किस्त पाने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य किया गया है। किसानों को अपनी पहचान बताने के लिए आधार नंबर देना होगा। 

केंद्र द्वारा पूर्ण वित्त पोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का क्रियान्वयन इसी साल से होगा और किसानों को पहली किस्त मार्च तक हस्तांतरित की जाएगी। 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजे पत्र में कहा है, ‘दिसंबर 2018 से मार्च 2019 की अवधि किस्त पाने के लिए आधार नंबर जहां उपलब्ध होगा वहीं लिया जाएगा।’ यदि आधार नंबर नहीं है तो अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों मसलन ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा रोजगार कार्ड या केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी किसी अन्य पहचान पत्र के आधार पर पहली किस्त दी जा सकती है। 

मंत्रालय ने कहा कि दूसरी और उसके बाद की किस्त के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पात्र किसानों को दोहराव नहीं हो। 

राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे गांवों में लाभार्थी छोटे और सीमान्त किसानों का डाटाबेस बनाएं। राज्यों से ऐसे किसानों का ब्योरा मसलन नाम, स्त्री हैं या पुरुष, एससी-एसटी, आधार, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर जुटाने को कहा है। 

केंद्र ने छोटे और सीमांत किसानों को पति, पत्नी, 18 साल तक के नाबालिग बच्चों के हिसाब से परिभाषित किया है, जिनके पास संबंधित राज्य के भू रिकॉर्ड के अनुसार दो हेक्टेयर तक खेती योग्य जमीन है।

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