सीएम बनते ही बोले कमलनाथ, यूपी-बिहार नहीं मध्यप्रदेश के युवाओं का नौकरी पर पहला हक

By Team MyNationFirst Published Dec 18, 2018, 12:54 PM IST
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सूबे में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलने के लिए बाहरी लोगों को खासकर यूपी और बिहार के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। खास बात यह है कि कमलनाथ मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। 

भोपल--मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विवादित बयान दिया है। पद संभालते ही उन्होंने यूपी और बिहार के लोगों को लेकर कहा कि मध्य प्रदेश के लोग बेरोज़गार रह जाते हैं, जबकि यूपी-बिहार के लोग नौकरियां ले जाते हैं।

कमलनाथ ने शर्त रखी कि वे निवेशकर्ता कंपनी को प्रोत्साहन तभी देंगे, जब कंपनी मध्य प्रदेश के 70 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार दे। उन्होंने सूबे में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलने के लिए बाहरी लोगों को खासकर यूपी और बिहार के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। 

उन्होंने कहा, 'सूबे में बहुत सारे ऐसे उद्योग लग जाते हैं जहां अन्य प्रदेशों से लोग आ जाते हैं खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश से। मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन हमारे मध्य प्रदेश के नौजवान वंचित रह जाते हैं उन्हें तभी अब इंसेंटिव का लाभ मिलेगा जब 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को देंगे।'

 

Madhya Pradesh CM Kamal Nath: Our schemes of providing incentives of investment will only be imposed after 70% people from Madhya Pradesh get employment. People from other states like Bihar, Uttar Pradesh come here & local people don't get jobs. I have signed file for this pic.twitter.com/qjORqyBuFc

— ANI (@ANI)

कमलनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लोग मध्य प्रदेश आते हैं। लेकिन स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है। मैंने इसी से संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि कमलनाथ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। बाद में उनका परिवार मध्य प्रदेश चला गया था। 

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने राहुल गांधी की ओर से किए गए किसानों की कर्ज माफी के साथ ही रोजगार में आरक्षण के नियम की फाइल पर भी साइन कर दिए।

कमलनाथ ने कहा, 'मैंने शपथ लेने के बाद पहली फाइल किसानों के कर्ज माफी की पास की, जिसका वादा हमने चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में किया था.' इस आदेश के साथ ही किसानों को सरकारी और सहकारी बैकों द्वारा दिया गया 2 लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसल ऋण माफ हो जाएगा।

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