उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन की ढेड़ी नजर पालतू कुत्तों पर पड़ गई है और उसने देश में पालतू कुत्तों को मार कर खाने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही देश में कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नई दिल्ली। उत्तरी कोरिया में खाद्यान संकट के बीच कुत्तों की शामत आ गई है। देश में चल रहे खाद्यान संकट के बीच तानाशाह किम जोंग उन ने पालतू कुत्तों को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है और उन्हें मार कर खाने का आदेश दिया है। वहीं देश में साठ फीसदी आबादी पर खाने का संकट गहराया हुआ है।वहीं देश में अब पालतू कुत्तों को मारकर उनका मांस बेचा जा रहा है।
उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन की ढेड़ी नजर पालतू कुत्तों पर पड़ गई है और उसने देश में पालतू कुत्तों को मार कर खाने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही देश में कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। किम जोंग ने पालतू कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है। उधर इन कुत्तों के मालिकों को इस बात का डर सता रहा है कि उनके पालतू कुत्ते को अब मार दिया जाएगा। किम जोंग ने देश में पालतू जानवर का इस्तेमाल देश में जारी खाद्दान संकट को दूर करने के आदेश दिया है। पिछले महीने जुलाई में किम जोंग उन ने पालतू कुत्तों को रखने को कानून के खिलाफ बताया था और इस पर प्रतिबंध लगाया था। वहीं अब इन कुत्तों को पकड़ा जा रहा है और उन्हें मार कर उनका मांस बेचा जा रहा है।
किम जोंग ने कुत्तों को मारने के लिए जो आदेश दिया है। उसके मुताबिक किम जोंग का मानना है कि घर में कुत्ता पालनाी पूंजीवादी विचारधारा की ओर झुकाव है। किम जोंग के आदेश के बाद उत्तर कोरिया के प्रशासन ने उन घरों की पहचान की है जहां पर पालतू कुत्ते हैं और अब इन कुत्तों को सरकार को देने के लिए बाध्य किया जा रहा है और उन्हें जब्त कर रहा है। असल में उत्तर कोरियाई प्रायद्वीप में कुत्ते का मांस काफी पसंद किया जाता रहा है। हालांकि दक्षिण कोरिया में कुत्तों को खाने का प्रचलन अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।
दक्षिण कोरिया में करीब 10 लाख कुत्ते हर साल खाए जाते हैं। उधर, इंसानों का सबसे अच्छा दोस्त कुत्ता अभी भी उत्तर कोरिया में खाने की प्लेट पर बड़े पैमाने पर परोसा जा रहा है। राजधानी प्योंयांग में कुत्ते के मांस के लिए कई रेस्टोरेंट मौजूद हैं। उत्तर कोरिया में माना जाता है कि कुत्ते का मांस खाने से इंसान को ऊर्जा मिलती है। लेकिन अब इन कुत्तों का इस्तेमाल देश के खाद्यान संकट को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।