बंगाल चुनाव हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कहा- 'खूनी खेल खेला है'

Published : Aug 12, 2023, 01:55 PM IST
बंगाल चुनाव हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कहा- 'खूनी खेल खेला है'

सार

पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। पीएम ने कहा कि चुनावों के दौरान बंगाल में खूनी खेल खेला गया।  

PM Modi Attacks TMC. पश्चिम बंगाल चुनावों में हुई हिंसा को लेकर पीएम मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार नामांकन दाखिल न कर पाएं, इसके लिए हर तरह की कोशिशें की गईं। वे न केवले बीजेपी कार्यकर्ताओं बल्कि वोटर्स को भी धमकाते थे। बूथ पर कब्जा करने के लिए ठेके दिए जाते थे। यह राज्य में राजनीति करने का उनका तरीका है।

पीएम मोदी की टिप्पणी- खूनी खेल खेला है
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने खून से खेला है। पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने हिंदी में कहा कि टीएमसी ने खूनी खेल खेला है...। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीएमसी पर वोटरों को धमकाने और उनके जीवन को नरक बनाने का भी आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य में राजनीति करने का यह उनका तरीका है।

बूथ पर कब्जे के लिए दी गई सुपारी
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने गुंडों को सुपारी दी गई और उन्हें मतगणना के दिन बूथ पर कब्जा करने के लिए कहा गया। पीएम ने कहा कि पार्टी ने गुंडों को ठेका दिया था और उन्हें मतगणना के दिन बूथों पर कब्जा करने के लिए कहा था। वोटों की गिनती के दौरान भी टीएमसी ने भाजपा सदस्यों को कार्यालय से बाहर कर दिया और उन्हें वोटों की गिनती देखने भी नहीं दिया गया। इन सबके बावजूद भाजपा जीत गई तो उन्होंने हमारे सदस्यों के खिलाफ रैलियां निकालीं। 

कब हुए पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 8 जुलाई को हुए और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए वोटों की गिनती 11 जुलाई को खत्म हुई। टीएमसी ने 28,985 और भारतीय जनता पार्टी ने कुल 7,764 सीटें जीती हैं। जबकि कांग्रेस के खाते में 2,022 सीटें आई हैं। मतदान का दिन व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली से भरा रहा। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले भी हुए। 

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