वाराणसी से नहीं इस सीट से पीएम मोदी लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव

By Team MyNation  |  First Published Jan 3, 2019, 10:25 AM IST

आगामी लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से नहीं लड़ेंगे। ऐसा दावा एक भाजपा विधायक के द्वारा किया जा रहा है। भाजपा विधायक का दावा है कि पीएम किसी धार्मिक नगरी से चुनाव लड़ेगे 

आगामी लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से नहीं लड़ेंगे। ऐसा दावा एक भाजपा विधायक के द्वारा किया जा रहा है। भाजपा विधायक का दावा है कि पीएम किसी धार्मिक नगरी से चुनाव लड़ेगे और ये सीट ओडिशा की पुरी हो सकती है। भाजपा विधायक का दावा है कि यहां से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा नेतृत्व ने तैयारियां कर दी हैं।

पिछला लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी और बड़ोदरा से लड़ा था और वह भारी मतों से जीते भी थे। इस सीट से चुनाव लड़ने के पीछे मोदी की मंशा बिहार और उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटों को जीतने की थी और लोकसभा चुनाव के परिणाम से ये साबित भी हो गया था कि नरेन्द्र मोदी का वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला सही था। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 80 से 73 सीटें जीती थीं। पिछले पांच साल के दौरान पीएम मोदी वाराणसी में काफी सक्रिय हैं और वहां पर कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं। हालांकि आगामी लोकसभा जल्द होने वाले हैं और ऐसे में ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि मोदी इस बार अपनी सीट बदल सकते हैं।

नरेन्द्र मोदी ने बड़ोदरा और वाराणसी सीट जीतने के बा बड़ोदरा की सीट छोड़ दिया था। अब पीएम मोदी की अन्य लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। इस बात का दावा कोई और नहीं बल्कि भाजपा के विधायक कर रहे हैं। ओडिशा में भाजपा वरिष्ठ नेता और विधायक प्रदीप पुरोहित का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पुरी से चुनाव लड़ने से इनकार नहीं कर सकता है और इसकी संभावनाएं 90 फीसदी हैं। इसके लिए पार्टी ने पहले से ही तैयारी कर दी हैं और पुरी और राज्य का विकास किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने पुरी सीट पर फोकस किया है।

उनका कहना है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से वह इस बार पुरी का चयन चुनाव लड़ने के लिए कर सकते हैं। हालांकि इस पर पार्टी का संसदीय बोर्ड अंतिम फैसला करेगा। भाजपा विधायक के दावे में सच्चाई भी हो सकती है क्योंकि अगर पीएम दक्षिण के राज्य से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को दक्षिणी राज्यों को साधना आसान होगा। इसका सफल प्रयोग पीएम मोदी वाराणसी में कर चुके हैं।

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