पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की शुरूआत की। इस निधि के तहत किसानों को 6 हजार रुपए मिलेंगे। केन्द्र की मोदी सरकार ने इस बार पेश किए गए बजट में इसका ऐलान किया था।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की शुरूआत की। इस निधि के तहत किसानों को 6 हजार रुपए मिलेंगे। केन्द्र की मोदी सरकार ने इस बार पेश किए गए बजट में इसका ऐलान किया था। हालांकि किसान निधि के लिए किसानों को कुछ जरूरी डाक्यूमेंट बैंकों को मुहैया कराने होंगे, जिसके बाद ही उन्हें इस योजना का फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और प्रयागराज के दौरे पर हैं। आज पीएम मोदी अपने दौरे में गोरखपुर में किसानों के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। इस सम्मेलन के साथ ही किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत हो जाएगी। इस योजना के तहत किसान को प्रति हेक्टेयर 6000 रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। आज पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड किए गए पात्र किसानों को पहली किस्त जारी की जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना का लाभ फिलहाल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनका राज्यों के किसान सेवा पोर्टल पर पहले से रजिस्ट्रेशन है। ये पोर्टल हाल ही में शुरू किया गया था। इस योजना के शुरू होने से राज्यों में लेखपाल ऐसे किसानों की लिस्ट गांव-गांव जाकर खुद जांच कर रहे हैं और उनका नाम, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड का मिलान कर पात्र किसानों की लिस्ट कृषि विभाग को सौंप रहे हैं और विभाग किसानों का डाटा पीएम किसान पोर्टल पर फीड कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक जिन किसानों का डाटा फीड हो चुका है उनके खाते में आज पहली किस्त के 2000 रुपए पहुंच जाएगी। इस सिलसिले में गोरखपुर में पीएम किसानों को संबोधित करेंगे और जिन किसानों के खाते में ये राशि पहुंच गयी है उनसे बातचीत करेंगे। केन्द्र सरकार की योजना के तहत 6000 रुपये सालाना किसान सहयोग राशि लेने के लिए आधार और मोबाइल नंबर देना होगा। पिछले दिनों ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए नियम तय कर दिए थे। हालांकि बजट में इस योजना की घोषणा की गयी लेकिन यह एक दिसंबर 2018 से लागू हो गयी है। केंद्र सरकार का दावा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा और इसके लिए 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
किसे मिलेगा लाभ
-ऐसे परिवार जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों।
-सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों।
- पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा।
-जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे।
-लाभ के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
-प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए।
-रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम
-आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा।