अब भी मां हीराबेन से ‘जेब खर्च’ लेते हैं पीएम मोदी

सुपर स्टार अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू लिया। इसकी खास बात यह रही कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान गंभीर राजनीतिक बयानबाजियों से अलग यह इंटरव्यू बेहद निजी मामलों से संबंधित और हल्के फुल्के अंदाज में लिया गया। इस दौरान पीएम ने एक ऐसा खुलासा किया जिसे सुनकर आप हंस पड़ेंगे। 

pm modi tells akshay kumar in interview how he still likes pocket money from mother

नई दिल्ली: देश के प्रधान सेवक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अड़सठ(68) साल के हो चुके हैं। लेकिन उनके अंदर अभी भी एक बच्चा छिपा हुआ है। आज भी जब वह अपनी माता हीराबेन से मिलते हैं तो उन्हें उनसे जेबखर्च के पैसे मिलते हैं। यह खुलासा प्रधानमंत्री ने अक्षय कुमार को दिए अपने इंटरव्यू में किया। 

दरअसल अक्षय ने प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि ‘क्या आप अपनी सैलरी में से अपने परिवार को कुछ देते हैं?’

जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि ‘नहीं, उल्टा मेरी मां ही मुझे पैसे देती हैं।  मेरी सैलरी से परिवार को कुछ नहीं जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे मेरी मां से प्यार नहीं है। लेकिन मेरी मां मुझसे कोई अपेक्षा नहीं रखती हैं। मेरा परिवार किसी तरह का सरकारी खर्च नहीं लेता है’।

प्रधानमंत्री मोदी का यह मासूम जवाब उनकी मां हीराबेन से उनके अत्यंत भावुक संबंधों को दर्शाता है। 

अक्षय ने प्रधानमंत्री मोदी से और भी कई सवाल किए। जो कुछ इस तरह हैं। 

अक्षय कुमार: एक बार मेरे ड्राइवर की बेटी से मैंने पूछा कि मोदी जी मिलें तो क्या सवाल करोगी? उसने कहा- क्या हमारे प्रधानमंत्री आम खाते हैं, खाते हैं तो कैसे, काटकर या गुठली के साथ?
पीएम मोदी: आम खाता हूं। यह मुझे पसंद भी है। गुजरात में आम रस की परंपरा है। छोटा था तो आम-वाम खरीदना, उस तरह की हमारी फैमिली लक्जरी तो थी नहीं। बचपन में पेड़ से पके आम तोड़कर खाना पसंद था। बाद में आम रस खाने की आदत लगी। लेकिन अब मुझे कंट्रोल करना पड़ता है कि खाऊं या नहीं। 

अक्षय कुमार: कभी सोचा था कि प्रधानमंत्री बनेंगे? यह विचार कब आया?
पीएम मोदी:  मेरे मन में कभी प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं और मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गांव को गुड़ खिला देती। उन्होंने कहा कि मैं सेना में जाना चाहता था। बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना, बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ता था। कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सैल्यूट करता था।

अक्षय कुमार: आप संन्यासी बनना चाहते थे? सेना में जाना चाहते थे।
पीएम मोदी: 1962 की जंग हुई। स्टेशन पर देखा जो लोग फौज में जा रहे थे, उनका काफी सम्मान होता था। मैं भी वहां चला जाता था। तब मन में आया कि यह देश के लिए कुछ करने का माध्यम है। 

अक्षय कुमार: क्या हमारे प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है? आता है तो किस पर और कैसे निकालते हैं?
पीएम मोदी: राजी-नाराजगी यह स्वभाव के हिस्से हैं। हर प्रकार की चीज सब में होती है। आपके स्वभाव में ईश्वर ने दिया है आपको तय करना है। मैं इतने दिन तक मुख्यमंत्री रहा, इतने दिन प्रधानमंत्री रहा, किसी चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पर गुस्सा करने का अवसर नहीं मिला। कोई मेरे लिए कुछ लाया तो मैं तो खुद हेल्पिंग हैंड के रूप में खड़ा हो जाता हूं। मैं लोगों से सीखता भी हूं और सिखाता भी हूं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं व्यक्त करने से खुद को रोक लेता हूं। ऐसी कोई घटना जो मुझे पसंद नहीं आती तो मैं घर जाकर कागज पर पूरी घटना का वर्णन करता और फिर मैं वो कागज फाड़कर फेंक देता हूं, तब भी सुकून नहीं मिलता तो फिर लिखता हूं और ऐसा तीन-चार बार करता हूं तब मुझे ये एहसास हो जाता है कि गलती किसकी थी।


अक्षय कुमार: आप मां के साथ नहीं रहना चाहते?
पीएम मोदी: मैं पीएम बनकर घर से निकला होता तो लगता कि सब मेरे साथ रहें। लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में वह सब छोड़ दिया। मैं घर छोड़कर निकल गया तो मेरी ट्रेनिंग वैसी हुई। लेकिन मां कहती थी, क्यों अपना समय खराब करते हो। जितने दिन मां रही, मैं अपने शेड्यूल में ही लगा रहता था। रात को 12 बजे आता तो मां को दुख होता कि ये क्या कर रहा है। अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता की सब वहीं रहे, लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रेनिंग के कारण छूट गया, लेकिन हाल ही में मैंने अपनी मां को बुलाया और उनके साथ कुछ समय बिताया। मेरी मां ने कहा कि मेरे पीछे क्यों वक्त बर्बाद करते हो। मैं भी उन्हें समय नहीं दे पाता था। अपने कामों में व्यस्त रहता था। 

अक्षय कुमार: क्या विपक्ष में आपके दोस्त हैं?
पीएम मोदी: मैं विपक्ष के साथ खाना खाता हूं। मैं एक दिन संसद गया तो वहां गुलाम नबी आजाद से मिला और बातें की। इस पर मीडिया ने सवाल पूछा तो गुलाम नबी आजाद ने हम एक परिवार की तरह हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात की जिक्र करूंगा तो मुझे चुनाव में नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी साल में एक दो कुर्ते और बंगाली मिठाई भेज देती हैं। 

अक्षय कुमार: आपको कौन सा खेल पंसद है? 
पीएम मोदी: मैं बचपन से संघ की शाखा में जाता था। वहां शाखा में वैज्ञानिक खेल खेले जाते हैं। मैं कहना चाहूंगा कि खेल अकेले नहीं बल्कि समूह में खेलना चाहिए। इसमें आपको लीड करने का मौका मिलता है। अक्षय कुमार ने पीएम मोदी से पूछा कि अपने गिल्ली डंडा खेला है तो उन्होंने कहा हां खेला है।

अक्षय कुमार: जब आप मुख्यमंत्री थे तब मिला था तब मैंने आपको एक-दो चुटकुले सुनाए थे। क्या पीएम बनने के बाद भी आपका वैसा ही ह्यूमर है? आपकी छवि बेहद स्ट्रिक्ट नजर आती है।
पीएम मोदी: मेरी यह छवि गलत तरीके से पेश की गई है। ऑफिस जाता हूं, तो खुद काम करता हूं तो दूसरों को भी लगता है कि ये करते हैं तो हमें भी करना चाहिए। कई बार रात 11 बजे फोन करके पूछता हूं कि फलां काम हुआ कि नहीं। मैं काम के वक्त काम करता हूं। इधर-उधर की बात में वक्त बर्बाद नहीं करता। मेरी मीटिंग में कोई मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। मेरा फोन भी नहीं आता। जहां तक ह्यूमर का सवाल है। मेरे परिवार में पिताजी कभी नाराज हों तो मैं एक-दो मिनट में ही माहौल को हल्का कर देता था। 

अक्षय कुमार: सुना है आपने अपनी जमा पूंजी के 21 लाख रुपए भी बच्चियों के लिए दान कर दिए थे? सुना है गुजराती पैसों के लिए बहुत सही रहते हैं, लेकिन आपने अपने पैसे दे दिए, प्लॉट दे दिया? आपको एक चुटकुला सुनाता हूं। एक गुजराती बुजुर्ग आदमी मर रहा होता है। तो पूछता है मेरा लड़का कहां है? बेटा कहता है- मैं यहां हूं। बुजुर्ग पूछता है- मेरी बेटी कहां है? वह कहती है- मैं यहां हूं। मेरी बीवी कहां है? वह कहती है- मैं यहां हूं। तो बुजुर्ग कहता है- फिर दुकान पर कौन है?
पीएम मोदी: एक मैं भी सुना दूं। एक बार ट्रेन में ऊपर की बर्थ पर कोई पैसेंजर सोया था। स्टेशन आया तो खिड़की से बाहर झांक कर जाते हुए व्यक्ति से पूछा- कौन सा स्टेशन आया? उसने कहा चार आना दोगे तो बताऊंगा। इस पर यात्री ने कहा- रहने दे, अहमदाबाद आया होगा। मैंने अपने सेक्रेटरी की बच्चियों की मदद के लिए गुजरात सरकार को 21 लाख रुपए दिए। सरकार की तरफ से विधायक को कम पैसे में प्लॉट मिलता है। मैंने वह भी पार्टी को ले लेने के लिए कहा।

अक्षय कुमार: आपको अगर अलादीन का चिराग मिल जाए तो क्या करेंगे?
पीएम मोदी: मैं तो मांगूंगा कि जितने भी समाजशास्त्री हैं उनके दिमाग में भर दे कि वे बच्चों को अलादीन वाली कहानी सुनाना बंद कर दें। बच्चों को मेहनत करना सिखाएं।

अक्षय कुमार:सीएम से पीएम बने तो इस घर में सबसे वैल्युएबल चीज क्या लाए थे?
पीएम मोदी: शायद इससे पहले दूसरे प्रधानमंत्रियों को यह लाभ नहीं मिला जो मुझे मिला। वह यह है कि मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनकर आया। मैं गुजरात का सबसे लंबा समय तक रहा मुख्यमंत्री था। यह तजुर्बा शायद किसी को नहीं मिला। देवेगौड़ा साहब मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन कम समय के लिए। मैं मान सकता हूं कि यह चीज मैं वहां से लेकर आया जो देश के काम आ रही है। 

अक्षय कुमार: आप साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं। इतना कम क्यों?
पीएम मोदी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मुझसे मिले तो यही कहा- आप ऐसा क्यों करते हैं? लेकिन मैं कहता हूं कि कम समय में भी मेरी नींद पूरी हो जाती है।

अक्षय कुमार: क्या आप सोशल मीडिया पर एक्टिव तो रहते हैं, क्या देखते हैं कि आपके बारे में क्या लिखा जा रहा है? 
पीएम मोदी:  मैं सोशल मीडिया जरूर देखता हूं इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और टविंकल खन्ना जी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं कि इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी।

पीएम मोदी का पूरा इंटरव्यू देखें यहां- 

: PM Narendra Modi and Akshay Kumar’s interaction at 7 Lok Kalyan Marg (LKM) in Delhi. https://t.co/5FodYsR4ZN

— ANI (@ANI)
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