क्या है ‘रूद्राक्ष’ जो बना पीएम शिंजो और मोदी के बीच चर्चा का केन्द्र

By Team MyNation  |  First Published Jun 27, 2019, 6:13 PM IST

जापान पिछले कुछ सालों से भारत में तेजी से निवेश विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर रहा है। जापान भारत में पहली बुलेट ट्रेन के भी आर्थिक मदद दे रहा है। बहरहाल जापान ने बुलेट ट्रेन के लिए 79,000 करोड़ रुपये का कर्ज भारत को दिया है और ये योजना 2022 शुरू होगी।

जी-20 के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे के बीच रूद्राक्ष और वाराणसी चर्चा का केन्द्र बना। आबे ने पीएम मोदी से वाराणसी में जापान की मदद से चल रही योजना के बारे में पूछा साथ ही रूद्राक्ष का भी जिक्र किया। असल में ये रूद्राक्ष गले में पहने जाने वाला शुभ रूद्राक्ष नहीं बल्कि जापान की आर्थिक मदद से बनने वाला कन्वेंशन सेंटर 'रुद्राक्ष' है। जो वाराणसी में जापान की मदद से तैयार किया जा रहा है।

जापान पिछले कुछ सालों से भारत में निवेश विभिन्न क्षेत्रों  में निवेश कर रहा है। जापान भारत में पहली बुलेट ट्रेन के भी आर्थिक मदद दे रहा है। बहरहाल जापान ने बुलेट ट्रेन के लिए 79,000 करोड़ रुपये का कर्ज भारत को दिया है और ये योजना 2022 शुरू होगी। जबकि जापान ने भारत को वाराणसी और क्योटो के बीच समझौते के तहत बनने वाले विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर के लिए करीब 200 करोड़ रुपये दिए हैं।

इस कन्वेंशन सेंटर का ही नाम रुद्राक्ष है। गौरतलब है कि पीएम मोदी और शिंजो आबे ने एक साथ 2015 में वाराणसी का दौरा किया था। वहां पर आबे ने वाराणसी में निवेश करने की इच्छा जताई थी। जापान के ओसाका में आयोजित शिखर सम्‍मेलन में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वाराणसी में बन रहे कन्‍वेंशन सेंटर रुद्राक्ष पर चर्चा हुई। आपको जानकारी दें कि वाराणसी में रुद्राक्ष के नाम से कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है।

जानें क्या है रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर

असल में जापान की मदद से बनाने जा रहे इस सेंटर का आकार रूद्राक्ष की तरह है और इस दो मंजिला भवन का ऊपरी हिस्सा शिवलिंग व अरघे के रूप में दिखेगा। इस सेंटर का डिजाइन जापान की मशहूर इंटीरियर डिजायनर यूको सासा ने तैयार किया है। वहीं इसमें करीब 12 सौ लोगों के बैठने की क्षमता है। इस सेंटर की खास बात ये है कि इसमें थियेटर, ड्रामा, म्यूजिक प्रोग्राम के लिए बाहर से म्यूजिक सिस्टम नहीं लाना पड़ेगा। वहीं कभी इस सेटंर के सभागर को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है।

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