पीएम मोदी ने देश को समर्पित की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

यह समारोह सरदार पटेल की 31 अक्टूबर को जयंती के मौके पर आयोजित हो रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ही अहमदाबाद पहुंच गए। पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है। 

pm narendra modi unveil sardar patel worlds tallest statue

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया। गुजरात के सरदार सरोवर बांध के पास बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की यह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का गुजरात में अनावरण हुआ। सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है। प्रतिमा के अनावरण के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता भी मौजूद रहे। 

मूर्ति का अनावरण के मौके पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं। आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि, हम आजादी के इतने साल तक एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है। आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है।

 

: Sardar Vallabhbhai Patel's inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT

— ANI (@ANI)

पीएम ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साहब की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर मिला। मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर इसकी कल्पना की थी, तो कभी अहसास नहीं था कि प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे ये काम करने का मौका मिलेगा। इस काम में जो गुजरात की जनता ने मेरा साथ दिया है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं।

उन्होंने कहा कि मुझे लोहा अभियान के दौरान मिले, लोहे का पहला टुकड़ा भी दिया गया है। हमने इस अभियान में लोगों से मिट्टी भी मांगी थी। देश के लाखों किसानों ने खुद आगे बढ़कर इस शुभ काम के लिए लोहा और मिट्टी दी। 

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने उस समय खंडित पड़े देश को एक सूत्र में बांधा, तब मां भारती 550 से अधिक विरासतों में बंटी हुई थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति बहुत निराशा था, तब भी कई निराशावादी थे। उन्हें लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से बिखर जाएगा। तब सभी को सिर्फ एक ही व्यक्ति दिखता था सरदार वल्लभभाई पटेल।

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