राज्य में उद्धव ठाकरे की विधान परिषद की सदस्यता को लेकर विवाद बड़ा रूप ले सकता है। क्योंकि गुरुवार को राज्यपाल भगत कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस विवाद को और ज्यादा बड़ा दिया है। इससे साफ हो गया है कि कोश्यारी राज्यपाल के कोटे में खाली दो सीटों में ठाकरे को मनोनीत नहीं करना चाहते हैं। असल, उद्धव ठाकरे वर्तमान में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं।
नई दिल्ली। अगर राज्य में मौजूदा सियासी संकट का पटाक्षेप नहीं हुआ तो राज्य में संवैधानिक संकट गहरा सकता है। हालांकि अभी समय है। लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ी हुई है। इसी बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कोश्यारी ने चुनाव आयोग से विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर चुनाव कराने की गुजारिश की है। जिससे साफ हो गया है कि राज्यपाल अपने कोटे से उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य नहीं करना चाहते हैं। जिसके बाद उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि 28 मई तक अगर ठाकरे परिषद के सदस्य नहीं बनते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा।
राज्य में उद्धव ठाकरे की विधान परिषद की सदस्यता को लेकर विवाद बड़ा रूप ले सकता है। क्योंकि गुरुवार को राज्यपाल भगत कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस विवाद को और ज्यादा बड़ा दिया है। इससे साफ हो गया है कि कोश्यारी राज्यपाल के कोटे में खाली दो सीटों में ठाकरे को मनोनीत नहीं करना चाहते हैं। असल, उद्धव ठाकरे वर्तमान में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं।
उन्होंने 28 नवंबर को राज्य के सीएम की शपथ ली थी और उस वक्त किसी सदन के सदस्य नहीं थे और वह बिना चुनाव लड़े ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन नियमों के मुताबिक इसके लिए उन्हें छह महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य होना जरूर होता है। हालांकि ठाकरे के छह महीने 28 मई को समाप्त हो रहे हैं। लिहाजा इससे पहले उन्हें परिषद का सदस्य बनना जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
राज्य में कोरोना संकट के कारण विधानसभा या विधान परिषद के लिए उपचुनाव कराना संभव नहीं है। लिहाजा ठाकरे कैबिनेट ने दो बार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। ताकि उनके कोटे में खाली दो सीटों में से एक सीट पर उद्धव ठाकरे का नामित किया जाए। लेकिन राज्यपाल ने अभी तक कैबिनेट के फैसले पर फैसला नहीं किया है। जिसको लेकर ठाकरे सरकार मुश्किल में है। इसी बीच राज्यपाल ने राज्य सरकार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दी हैं। क्योंकि उन्होंने चुनाव आयोग से राज्य में खाली विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव कराने की गुजारिश की है। हालांकि पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अगुवाई में मंत्रियों के एक दल ने राज्यपाल से मुलाकात कर ठाकरे को परिषद का सदस्य नामित करने की मांग की।